दो लोगों ने करोड़पति महिला के घर पर कब्जा कर लिया. जब महिला ने मकान बेचने से मना किया तो उन्होंने उसे मार डाला और उसकी लाश कूड़े के डिब्बे में फेंक दी. इसके बाद दोनों आरोपियों ने महिला के ही मोबाइल से उसके रिश्तेदारों को मैसेज भेजकर झांसा दिया कि वह जिंदा है.
मामला ब्रिटेन का है. इस केस की कोर्ट में सुनवाई चल रही है. आरोप है कि 28 साल के शेफ कुसाई अल-जुंदी और 24 साल डिलीवरी ड्राइवर मोहम्मद एल एबॉद ने 72 साल की लुइस काम की हत्या की. प्रॉसिक्यूटर ओलिवर ग्लास्गो ने कोर्ट में बताया लुइस काम का गला घोंटा गया, फिर उनकी लाश कूडे़ के डिब्बे में फेंक दी गई. दोनों ही आरोपियों का प्लान था कि महिला की हत्या करने के बाद उनकी जीवन भर की कमाई हथिया ली जाए. हालांकि, आरोपियों ने दोनों ही हत्याओं से इनकार किया है.
ग्लास्गो ने कहा कि अल जुंदी ने इस साजिश की पहले से ही पूरी तरह से प्लानिंग कर ली थी. जुंदी ने लुइस काम की हत्या से पहले उनके साथ कुछ महीने बिताए थे, इस दौरान जुंदी ने यह कोशिश की लुइस काम उनको अपनी प्रॉपर्टी और संपत्ति सौंप दें. इस काम में अल जुंदी ने वकीलों को निर्देश दिया था कि वह कुछ ऐसा करें कि लुइस काम की संपत्ति उनकी हो सके. इसी प्लान के तहत घर लुइस काम के घर में मोहम्मद एल एबॉद की एंट्री हुई, ताकि इस प्रॉपर्टी को अल जुंदी अपना बता सके. लेकिन, फिर इन दोनों ने मिलकर लुइस काम की हत्या कर दी.
'मिरर' की रिपोर्ट में बताया गया है कि लुइस काम के घर में आने वाले विजिटर्स को मोहम्मद एल एबॉद, अल जुंदी की प्रॉपर्टी बताता था. प्रॉसिक्यूटर ग्लास्गो ने बताया कि सीसीटीवी, टेलीफोन, फोरेंसिक, चश्मदीदों से जो सबूत मिले हैं, उनको नकार पाना दोनों ही आरोपियों के लिए मुश्किल था. इन्हीं सबूतों के आधार पर दोनों फंस गए. जूरी के सामने बताया गया कि अल जुंदी ने लुइस काम को इस बात का झांसा दिया था कि उनकी दोनों प्रॉपर्टी के बदले रकम देगा. इसी दौरान उसने 'पॉवर ऑफ अटॉर्नी' पर लुइस काम से हस्ताक्षर करवा लिए, इससे महिला के अधिकार उनकी संपत्ति से खत्म हो गए. जांच में सामने आया कि लुइस काम नॉर्थ लंदन के ईस्ट बर्नेट में मौजूद घर में आखिरी बार 26 जुलाई 2021 को देखी गई थीं. तब अल जुंदी और एल एबॉद उनके साथ ही थे. लुइस काम प्रॉपर्टी की डील फाइनल करने के लिए घर में पहुंची थीं. तीनों करीब 20 मिनट तक घर में रहे, अल जुंदी और अल एबॉद तो घर से बाहर आए पर लुइस काम कभी भी घर से बाहर नहीं आ सकीं. लुइस काम की हत्या कब हुई? यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है.