विश्व स्वास्थ्य संगठन इमरजेंसी प्रोग्राम के हैड माइक रेयान ने कोविड की जांच पर कही ये बात
विश्व स्वास्थ्य संगठन के इमरजेंसी प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर माइक रेयान ने कहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | विश्व स्वास्थ्य संगठन के इमरजेंसी प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर माइक रेयान (Dr. Michael J Ryan) ने कहा है कि कोरोना उत्पत्ति की जांच के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। स्पूतनिक और शिन्हुआ एजेंसी की खबर का हवाला देते हुए आईएएनएस ने बताया है कि रेयान ने इस संबंध में अपने विचार साझा करते हुए कहा है वो लगातार पिछले कुछ समय से हर देश से ये कहते हुए सुन रहे हैं कि विज्ञान का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ ये विज्ञान का राजनीतिकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में हम सभी देशों को क्या करना चाहिए। हर कोई इस मुद्दे पर कह रहा है कि सभी सदस्य देशों को एक समझौता करना चाहिए कि इस वायरस की उत्पत्ति की जांच के प्रोसेस का राजनीतिकरण नहीं किया जाए।
रेयान ने ये भी कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सकारात्मक रूप से इस मुद्दे पर अपने सभी सदस्य देशों के साथ विचार विमर्श कर रहा है। इसमें चीन भी शामिल है। उन्होंने ये भी बताया है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच का अगला चरण कैसा होगा इस पर भी विचार विमर्श किया गया है। रेयान का इस बारे में दिया गया ये बयान काफी मायने रखता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले ही चीन ने यूरोपीयन यूनियन समेत उन देशों के साझा बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी जिसमें कोरोना उत्पत्ति की जांच और इस संबंध में हुए शोध पर सवाल उठाए गए थे। चीन के यूरोपीयन यूनियन में नियुक्त विशेष प्रतिनिधि ने कहा था कि चीन इस संबंध में आए बयान पर कड़ी आपत्ति जताता है। इस अवसर पर चीन ने ये भी साफ कर दिया था कि वो कोरोना उत्पत्ति की दोबारा जांच से संबंधित किसी भी मांग का पुरजोर विरोध करता रहेगा।
आपको बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में अज्ञात बीमारी की वजह से लोगों के बीमार होने का सिलसिला शुरू हुआ था। दिसंबर के अंत तक ये बात साफ हो गई थी कि ये सबकुछ कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हो रहा है। जनवरी 2020 के अंत तक भारत समेत अमेरिका और यूरोप के कई देशों में इसके संक्रमण के मामले आने शुरू हो गए थे।
मार्च 2020 तक विश्व के अधिकतर देश इसकी चपेट में आ चुके थे और एक-एक कर कई देशों में लॉकडाउन की शुरुआत हो गई थी। भारत में भी मार्च के तीसरे सप्ताह में देश व्यापी लॉकडाउन लगा दिया गया था। अमेरिका समेत कई देश लगातार इस बात की मांग करते रहे हैं कि इसकी उत्पत्ति की जांच चीन में की जानी चाहिए।
अमेरिका और इन देशों का सीधेतौर पर कहना है कि ये वायरस चीन की वुहान की लैब से ही फैला है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संबंध में हुई अपनी जांच में इसकी संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया था कि ये वायरस वुहान की लैब से निकला था। दुनिया के करीब 60 देशों ने इसकी उत्पत्ति की जांच दोबारा कराने के प्रस्ताव पर भी अपने हस्तक्षर किए हैं।