Meteorite: स्‍पेस में तैर रहा है चलता-फिरता बैंक, बना सकता है 'बेजोस' और 'मस्‍क' से भी ज्‍यादा अमीर

कुछ लोग आइडिया के दम पर लखपति बनते हैं और जो ज्‍यादा महत्‍वाकांक्षी होते हैं

Update: 2022-01-06 17:05 GMT
कुछ लोग आइडिया के दम पर लखपति बनते हैं और जो ज्‍यादा महत्‍वाकांक्षी होते हैं और अरबपति बनने का सपना रखते हैं वह टेक्‍नोलॉजी कंपनी के माध्‍यम से ही इस सपने को सच बनाते हैं इन्‍हें टी-क्‍लब के लोग कहा जाता है.
सोलर सिस्‍टम का चलता-फिरता बैंक है ये उल्‍कापिंड
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन यदि आप क्‍व‍िनटिलियनेयर बनना चाहते हैं और आपकी नेटवर्थ इतनी हो कि उसमें 18 जीरो लगे हों और बेजोस और मस्‍क जैसे बिजनेस टाइकून भी आपके सामने कोई औकात नहीं रखते हों तो फिर आपको स्‍पेस में जाना होगा. उस उल्‍कापिंड का मालिक बनना होगा जो हमारे सोलर सिस्‍टम का चलता-फिरता बैंक है.
मंगल और जुपिटर ग्रह के बीच घूम रहा है ये उल्‍कापिंड
ये उल्‍कापिंड मंगल और जूपिटर ग्रह के बीच घूम रहे लाखों उल्‍कापिंडों में से एक है लेकिन इसकी खास बात है कि ये उस मेटल का बना है जिसकी कीमत 10 क्‍व‍िंनटिलियन है.
टूटे हुए ग्रह का हो सकता है हिस्‍सा
इस उल्‍कापिंड की खोज इटली के खगोलशास्‍त्री एनिबेल डी गैसपैरिस ने 1852 में की थी. उन्‍होंने ही ये बताया था कि ये उल्‍कापिंड आयरन, निकिल और गोल्‍ड का बना है. वैज्ञानिकों को लगता है कि ये उल्‍कापिंड एक टूटे हुए ग्रह के मूल के अवशेषों का हिस्सा है, यानी अंतरिक्ष में चट्टानों का एक समूह जो एक ग्रह बनने के कगार पर था, लेकिन बन नहीं पाया.
इस तरह सामने आई थी इस उल्‍कापिंड की सच्‍चाई
पृथ्वी से ये उल्‍कापिंड वैसे तो बहुत धुंधला दिखाई देता है लेकिन जब इस उल्‍कापिंड की सतह से लाइट रिफ्लेक्‍ट होकर पृथ्‍वी पर आई और जब इसका विश्‍लेषण किया गया तो पता चला कि यह धातुओं के मामले में कितना समृद्ध है.
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