मीडिया रिपोर्ट्स में दावा: अमेरिकी विदेश विभाग पर साइबर हमला
विदेश विभाग ने समय पर सुरक्षा आकलन नहीं किया था जिसे 2015 की महानिरीक्षक रिपोर्ट में अड्रेस किया गया था.
अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) हाल के हफ्तों में एक नए साइबर हमले की चपेट में आया था. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों ने शनिवार को बताया कि इसकी जानकारी रक्षा साइबर कमांड विभाग द्वारा दी गई है. फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले के पीछे किसका हाथ है, यह फिलहाल साफ नहीं है.
विभाग के एक प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज को बताया, 'विभाग अपनी जानकारी की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है और सूचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा जरूरी कदम उठाता है. सुरक्षा कारणों की वजह से हम इस समय किसी भी कथित साइबर घटना या उसके दायरे पर चर्चा करने की स्थिति में नहीं हैं.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह फिलहाल साफ नहीं है कि इस उल्लंघन से किसी विभाग का काम प्रभावित हुआ है या नहीं. अफगानिस्तान से अमेरिकियों और अफगानों को निकालने के अमेरिका के प्रयासों से परिचित एक सूत्र ने बताया कि ऑपरेशन सहयोगी शरणार्थी (Operation Allies Refuge) हालांकि प्रभावित नहीं हुआ है.
कई कार्य क्षेत्रों में विभाग असुरक्षित पाया गया
सीनेट होमलैंड सुरक्षा समिति की एक रिपोर्ट में अधिकांश कार्य क्षेत्रों में विभाग की सुरक्षा अप्रभावी पाई गई और इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया कि संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी खतरे में थी. रिपोर्ट में जिन संवेदनशील सूचनाओं का जिक्र किया गया है उनमें पासपोर्ट की जांच के लिए इस्तेमाल किए गए नाम, जन्मतिथि और सामाजिक सुरक्षा नंबर शामिल हैं.
यह भी नोट किया गया कि विदेश विभाग ने समय पर और जरूरी सुरक्षा आकलन नहीं किया था, जिसे 2015 की महानिरीक्षक रिपोर्ट में भी संबोधित किया गया था. समिति ने कहा, 'आडिटर्स ने संवेदनशील सूचनाओं के राज्य की सुरक्षा से संबंधित कमजोरियों की पहचान की और कहा, 'विभाग के पास 'इफेक्टिव डेटा प्रोटेक्शन एंड प्राइवेसी प्रोग्राम नहीं था.' इस महीने की शुरुआत में सीनेट की रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि विदेश विभाग ने समय पर सुरक्षा आकलन नहीं किया था जिसे 2015 की महानिरीक्षक रिपोर्ट में अड्रेस किया गया था.