इमरान खान पर मौलाना फजलुर रहमान ने लगाया गंभीर आरोप, खाड़ी देश से पैसा लेकर फेल किया चीन का CPEC

इससे वह मलक्‍का स्‍ट्रेट में अमेरिकी-भारतीय दबाव से बच जाएगा। चीन की कोशिश है कि ग्‍वादर में एक नेवल बेस भी बनाया जाए।

Update: 2022-08-01 10:08 GMT

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में सत्‍तारूढ़ गठबंधन पाकिस्‍तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के अध्‍यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ बड़ा दावा किया है। रहमान ने कहा कि इमरान खान को एक खाड़ी देश से पैसा मिला था ताकि वह चीन के चाइना पाकिस्‍तान आर्थिक कॉर‍िडोर को फेल कर दें और ग्‍वादर में बंदरगाह बनाने की योजना को ठंडे बस्‍ते में डाल दें। इससे पहले चीन ने भी इमरान खान के राज में सीपीईसी की परियोजनाओं में देरी का गंभीर आरोप लगाया था।


उत्‍तरी वजीरिस्‍तान के आदिवासी नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान जेयूआई-एफ के नेता मौलाना रहमान ने आरोप लगाया कि इमरान ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था के नए पिलर्स को तबाह कर दिया। उन्‍होंने कहा कि इसमें एक चीन का सीपीईसी भी था जो सिर्फ एक रोड नहीं बल्कि पूरा आर्थिक पैकेज है। उन्‍होंने कहा, 'ग्‍वादर एशिया में दूसरा सबसे गहरा समुद्री बंदरगाह है। कुछ देशों को ग्‍वादर बंदरगाह से खतरा महसूस हो रहा है। यह व्‍यापार के लिए सबसे प्रभावी बंदरगाह होगा। इमरान खान ने इस प्रॉजेक्‍ट को बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया।'

चीन सरकार कई बार पाकिस्‍तान को खरी-खोटी सुना चुकी
मौलाना ने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्‍स के खुलासे ने पीटीआई के वास्‍तविक चेहरे को उजागर कर दिया। इस पैसे को अबराज ग्रुप को दिया गया जिसमें खाड़ी के एक देश का बहुत बड़ा हिस्‍सा था। यह देश ग्‍वादर बंदरगाह को फेल करना चाहता है। उन्‍होंने कहा, 'अब हम देखते हैं कि समुद्र की गहराई अब केवल 11 फुट रह गई है।' उन्‍होंने कहा कि पीडीएम सरकार ने सत्‍ता में आने के बाद खराब आर्थिक हालत की चुनौती को स्‍वीकार किया है।

पीडीएम नेता मौलाना रहमान का सीपीईसी को लेकर यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन अपने राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट में हो रही देरी पर बुरी तरह से भड़का हुआ है। चीन सरकार कई बार पाकिस्‍तान को खरी-खोटी सुना चुकी है। आलम यह है कि पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा को भी अपने चीन दौरे पर सीपीईसी को लेकर काफी कुछ सुनना पड़ा था। चीन सीपीईसी परियोजना में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है ताकि अपने शिंजियांग प्रांत को सीधे अरब सागर से जोड़ दिया जाए। इससे वह मलक्‍का स्‍ट्रेट में अमेरिकी-भारतीय दबाव से बच जाएगा। चीन की कोशिश है कि ग्‍वादर में एक नेवल बेस भी बनाया जाए।

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