कोलंबिया में भीषण बम धमाका

Update: 2022-09-03 13:11 GMT
 कोलंबिया शुक्रवार को एक भीषण बम धमाके से दहल गया। पश्चिमी कोलंबिया में हुए इस बम ब्लास्ट में आठ पुलिस अधिकारी मारे गए। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने इस घटना की कड़ी निंदा की है उन्होंने कहा कि देश के लगभग 60 साल के संघर्ष को समाप्त करने का वादा करने के बाद से सुरक्षाबलों पर हुआ ये सबसे घातक हमला है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो 8 पुलिस अधिकारी शुक्रवार को उस समय मारे गए जब वे वाहन से यात्रा कर रहे थे। उनके वाहन पर विस्फोटकों से हमला किया गया था। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने हमले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, पुलिस अधिकारियों पर हमले बीते 60 सालों के दौरान सबसे घातक हमलों में से एक है। देश में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। हालांकि, पेट्रो ने हमले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होने कहा कि इस हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों के परिजनों के साथ हम खड़े है।
कोलंबिया के पुलिस अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने दहशत फैलाने के इरादे से अधिकारियों के वाहन में विस्फोट किए हैं हालांकि अब तक इस घटना की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। वहीं, सरकार की माने तो, आतंकी संगठन ने पूर्व सरकार द्वारा किए शांति समझौते के विरोध में इस हमले को अंजाम दिया है। बता दें कि कोलंबिया के आतंकी संगठन में हाल ही में 2,400 से अधिक लोगों की भर्ती की गई है।
वहीं, पुलिस से मुठभेड़ में कई कमांडर भी मारे गए हैं. आतंकी सीमा पार से देश में हमले को अंजाम देने की कोशिश में लगे हैं। ये भी बताना जरूरी है कि कोलंबिया के राष्ट्रपति पेट्रो एम-19 गुरिल्ला के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने सत्ता में आने से पूर्व वादा किया था कि वे विद्रोहियों से बातचीत कर देश में शांति बहाल करेंगे।
वहीं, गुरिल्ला संगठन ने सरकार द्वारा करार शांति समझौते को 2016 में ही नकार दिया था। सरकार ने इसके बदले में कुछ शर्तें भी रखी थी। उनके पूर्ववर्ती, रूढ़िवादी इवान ड्यूक ने बोगोटा में एक पुलिस अकादमी पर 2019 के कार बम हमले के बाद ईएलएन के साथ शांति वार्ता तोड़ दी थी, जिसमें 22 लोग मारे गए थे।
बता दें कि कोलंबिया सरकार, वामपंथी विद्रोहियों, दक्षिणपंथी अर्धसैनिक बलों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोहों के बीच कोलंबिया के संघर्ष में अकेले 1985 और 2018 के बीच कम से कम 450,000 लोग मारे जा चुके हैं।

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