कई रहस्य अपने भीतर समेटे है कैलाश पर्वत, डमरू और ओम के उच्चारण की आती हैं आवाजें

कैलाश पर्वत का भारत के पौराणिक धर्म ग्रंथों में काफी खास स्थान है। इस स्थान का भगवान शिव के साथ काफी खास संबंध है

Update: 2021-09-12 13:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  कैलाश पर्वत का भारत के पौराणिक धर्म ग्रंथों में काफी खास स्थान है। इस स्थान का भगवान शिव के साथ काफी खास संबंध है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान बताया जाता है। इसी वजह से हर साल कई श्रद्धालु इस पवित्र जगह पर भगवान का दर्शन करने के लिए आते हैं। कुछ मान्यताएं तो ये तक कहती हैं कि भगवान शिव आज भी इस पर्वत पर अपने परिवार के साथ रहते हैं। इस पर्वत को स्वर्ग की सीढ़ी भी कहा जाता है।

इसकी गिनती दुनिया के सबसे कठिन पर्वत श्रृंखलाओं में की जाती है। ये तिब्बत पठार से करीब 22,000 फीट की दूरी पर स्थित है। इस वजह से चढ़ाई के लिए इस स्थान को काफी दुर्गम कहा जाता है। तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत के ऊपर अब तक कोई चढ़ने में कामयाब नहीं हुआ है। इसी सिलसिले में आइए जानते हैं कैलाश पर्वत से जुडे़ रहस्यों के बारे में -

भगवान शिव का निवास स्थान कहे जाने वाले इस जगह पर कई पर्वतारोहियों ने चढ़ने की कोशिश की, पर उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई। रूस के एक पर्वतारोही सरगे सिस्टियाकोव कैलाश पर्वत के बहुत करीब तक पहुंच गए थे। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया - "मैं जैसे ही इस पर्वत के करीब पहुंचा मेरे दिल की धड़कन काफी तेज हो गई थी।"

आगे वो कहते हैं - "उस दौरान मुझे काफी कमजोरी महसूस हो रही थी। इसे देखते हुए मैंने वापिस जाने का फैसला लिया। नीचे के तरफ में जैसे बढ़ा वैसे ही धीरे-धीरे मेरी सेहत में सुधार होने लगा।" कुछ इसी तरह का एक्सपीरियंस एक दूसरे पर्वतारोही कर्नल आर.सी. विल्सन ने भी साझा किया था। उनके मुताबिक जैसे ही वह कैलाश पर्वत के नजदीक पहुंचे अचानक ही तेजी से बर्फबारी होने लगी, जिसने उनका रास्ता रोक दिया और आगे जाने नहीं दिया।

आपको बता दें कि कैलाश पर्वत के ऊपर 7 प्रकार की लाइटें चमकती हैं। कई लोगों ने इन लाइटों को चमकते हुए देखने का दावा किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा पर्वत के चुंबकीय बल के कारण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर पुण्यात्माओं का निवास है।

कई वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि इस जगह पर एक अलौकिक ऊर्जा का प्रवाह है। इसी वजह से कई तपस्वी इस पवित्र स्थान पर आध्यात्मिक क्रियाएं करते हैं, ताकि उनको समाधि का अनुभव मिल सके। यही नहीं कैलाश पर्वत की आकृति भी एक रहस्य का विषय है। इस पर्वत का आकार एक पिरामिड की तरह दिखता है। कहा जाता है कि कैलाश पर्वत धरती का केंद्र बिंदु है। कई लोग इस जगह को भौगोलिक ध्रुव मानते हैं। 

लोगों का कहना है कि कैलाश मानसरोवर के आसपास डमरू और ओम के उच्चारण की ध्वनि सुनाई देती है। मान्यता है कि ऐसा भगवान शिव के निवास स्थान होने की वजह से होता है। हालांकि अब तक इसके रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है।

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