डेनमार्क-नार्वे समेत कई देशों ने AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन पर लगी रोक, जानिए क्या है वजह

अपने देश में कोरोना वायरस वैक्सीन लगाना जारी रखेगा।

Update: 2021-03-12 03:33 GMT

डेनमार्क, नार्वे और आइसलैंड के स्वास्थ्य प्राधिकरणों ने एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को निलंबित कर दिया है। टीकाकरण के बाद कुछ लोगों में खून का थक्का जमने की खबरों के बाद यह कदम उठाया गया है। इससे पहले ऑस्ट्रिया ने एस्ट्राजेनेका के एक बैच के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।डेनमार्क में टीका लगने के बाद 60 वर्षीय महिला के खून में थक्का जम गया, जिससे उसकी मौत हो गई। उसे उसी बैच का टीका लगा था, जिसका प्रयोग ऑस्टि्रया में हो रहा था।

मामला सामने आने के बाद डेनमार्क ने दो हफ्ते के लिए टीके का इस्तेमाल रोक दिया है। नार्वे और आइसलैंड ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। इटली ने भी कहा है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का एक बैच निलंबित किया जाएगा।इस बीच, यूरोपीय यूनियन के दवा नियामक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) का कहना है कि वैक्सीन के फायदे इससे होने वाले खतरों की तुलना में बहुत ज्यादा है और इसका प्रयोग जारी रखा जा सकता है।
कुछ जानकार मानते हैं कि खून जमने के कुछ मामलों को टीके से जोड़कर देखना जल्दबाजी होगी। अभी इसका प्रमाण नहीं है। पूरे ब्रिटेन में अब तक एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की 1.1 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी है। यूरोपीय यूनियन के दवा नियामक का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद खून का थक्का जमने वालों का अनुपात लगभग वही है, जितना की आम आबादी में होता है। टीका लगवाने वाले 30 लाख लोगों में से 22 में थक्का जमने की बात सामने आई है। ईएमए ने कहा कि डेनमार्क और नार्वे ने सतर्कता के तौर पर टीके को निलंबित करने का फैसला लिया है।
मैक्सिको जारी रखेगा एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन
डेनमार्क, नार्वे और आइसलैंड में एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक के फैसले के बावजूद मैक्सिको ने कहा है कि वह अपने देश में कोरोना वायरस वैक्सीन लगाना जारी रखेगा।


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