मणिपुर के PLA का चीन से जुड़ा है लिंक, भारत को लेकर क्या हैं मंसूबे?
केवल इतना ही नहीं. बल्कि इस आतंकी संगठन के म्यांमार में कई अस्थायी ट्रेनिंग कैंप भी हैं.
चीन और म्यांमार की सीमा से घिरे पूर्वोत्तर भारत में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है. इसमें असम राइफ्लस के कमांडिंग अफसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी समेत पांच जवान शहीद हो गए. इनके साथ ही कर्नल की पत्नी और 8 साल के बेटे ने भी हमले में अपनी जान गंवाई है. एक दिन पहले मणिपुर के चुराचंदपुर जिले के सिंगनगाट के सेहकेन गांव में आतंकियों ने घात लगाकर सेना की टुकड़ी पर हमला किया था (Attack on Assam Rifles Convoy). हमले की जिम्मेदारी मणिपुर के आतंकी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने ली है. मणिपुर में हमले करने वाले इस संगठन के तार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से जुड़े हुए हैं.
शुरुआती जांच में पता चला है कि कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर हुए हमले को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि इस हमले में भारी हथियारों से लैस 15 से ज्यादा आतंकवादी शामिल थे. इन्होंने 3 आईइडी धमाके किए और काफिले पर गोलीबारी की (Terror Attack in Manipur). खुफिया सूत्रों का कहना है कि पीएलए मणिपुर के आतंकी चीन के इशारे पर मणिपुर में हमले कर रहे हैं. मणिपुर के आतंकी संगठन पीएलए को चीनी सेना ट्रेनिंग देती है. ये हमले करने के बाद पड़ोस के देश म्यांमार भाग जाते हैं. जो इस समय गृह युद्ध की आग में झुलस रहा है.
चीन के साथ भारत को तोड़ने के सपने देख रहा
मणिपुर के पीएलए का गठन आतंकी एन बिश्वेसर सिंह ने किया था. जिसका मकसद उत्तरपूर्व को भारत से अलग करने के बाद भारत के दूसरे हिस्सों पर कब्जा करना है. ये संगठन चीन के साथ मिलकर भारत को तोड़ने के सपने देख रहा है. यह उसी माओवादी और मार्क्सवादी विचारधारा का अनुसरण करता है, जिसपर चीनी सेना पीएलए विश्वास करती है (Manipur PLA China Connection). आतंकी संगठन पीएलए पहले भी कई बार धोखे से भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले कर चुका है. आतंकवाद की निगरानी करने वाले संगठनों का कहना है कि पीएलए मणिपुर के आतंकियों को चीनी सेना से हथियार और ट्रेनिंग मिलती है.
पूछताछ में आतंकी ने खुद कबूली बात
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मणिपुर पीएलए के चीनी सेना से जुड़े रिश्ते की बात को खारिज कर दिया है. लेकिन खुद संगठन के आतंकियों ने ये बात स्वीकार की है कि उन्हें चीनी सेना से ट्रेनिंग मिली है. साल 2009 में पीएलए के आतंकी सर्जेंट रॉनी (Sergeant Ronnie) को पकड़ा गया था. उसने पूछताछ के दौरान कहा, 'चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी मणिपुर के पीएलए के संपर्क में है.' इस आतंकी ने बताया था, 'चीन में ट्रेनिंग लेने के बाद आतंकियों की 16 पलटन भारत आईं.' इन्हें बड़े और घातक हथियारों को संभालने की ट्रेनिंग दी गई है. रॉनी ने कहा कि मणिपुर के पीएलए उग्रवादियों की म्यांमार में लगातार ट्रेनिंग चल रही है. केवल इतना ही नहीं. बल्कि इस आतंकी संगठन के म्यांमार में कई अस्थायी ट्रेनिंग कैंप भी हैं.