भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक को सिंगापुर में दी गई फांसी, हेरोइन के साथ हुई थी गिरफ्तारी
धर्मलिंगम को साल 2021 के नवंबर में ही यह सजा दे दी जाती लेकिन कोरोना पाजिटिव हो जाने के कारण थोड़े दिनों की राहत दे दी गई थी।
मानसिक तौर पर विक्षिप्त भारतीय मूल के नागाएन्थ्रन धर्मलिंगम (Nagaenthran Dharmalingam) को ड्रग तस्करी में दोषी पाया गया और बुधवार को फांसी की सजा दे दी गई। धर्मलिंगम की बहन शर्मिला धर्मलिंगम ने इस बात की जानकारी एएफपी को दी। सिंगापुर में 42.72 ग्राम हेरोइन की तस्करी मामले में 34 वर्षीय धर्मलिंगम को साल 2009 में गिरफ्तार किया गया था और 2010 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस सजा को कम कराने के लिए धर्मलिंगम ने अनेकों बार अपील की जिसे बार-बार खारिज कर दिया गया।
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने सिंगापुर से की थी राहत की मांग
पिछले साल नवंबर में मलेशियाई प्रधानमंत्री इस्माइल सबरी याकूब (Ismail Sabri Yaakob) ने सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सीन लूंग (Lee Hsien Loong) को लिखकर मामले में सख्ती न बरतने की मांग की थी। हजारों अन्य लोगों ने इसके लिए याचिका दायर की थी। इसमें तर्क दिया गया था कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत मानसिक तौर पर बीमार होने पर फांसी या मौत की सजा देने की अनुमति नहीं है।
सिंगापुर में 15 ग्राम से अधिक हेरोइन रखने पर मौत की सजा
बता दें कि सिंगापुर में ड्रग तस्करी को लेकर कड़े कानून हैं। कानून के तहत 15 ग्राम से अधिक हेरोइन के साथ पकड़े जाने पर फांसी की सजा दी जाती है लेकिन दो साल से इस सजा पर रोक लगी हुई थी जो पिछले ही माह फिर से बहाल की गई है। धर्मलिंगम को साल 2021 के नवंबर में ही यह सजा दे दी जाती लेकिन कोरोना पाजिटिव हो जाने के कारण थोड़े दिनों की राहत दे दी गई थी।