इमरान खान की रैली में बड़ा हादसा, कंटेनर ने महिला पत्रकार को कुचला, मौत
बड़ा हादसा
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो ट्वीट किया है. इस वीडियो में भारी भीड़ दिखाई दे रही है. वीडियो के साथ इमरान ने लिखा कि यह वह क्रांति है जिसकी मैं बात कर रहा था. यह हमारे हकीकी आजादी मार्च का तीसरा दिन है और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, लोग बड़ी संख्या में हमारे मार्च में शामिल हो रहे हैं. इस दौरान एक बड़ा हादसा भी हो गया. रैली को कवर करने गई एक रिपोर्टर की मौत हो गई.
पत्रकार की मौके पर ही मौत
इस मार्च में एक पत्रकार की मौत हो गई. इसी लॉन्ग मार्च के दौरान इमरान खान के कंटेनर द्वारा कुचले जाने के बाद चैनल 5 की एक महिला रिपोर्टर की मौके पर ही मौत हो गई. रिपोर्टर का नाम सद्दाफ है. वह कंटेनर के ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रही थी और अचानक संतुलन खो बैठी. पत्रकार की मौत पर पीएम शहबाज शरीफ ने भी दुख जताया. उन्होंने लिखा कि लॉन्ग मार्च में कंटेनर से गिरकर पत्रकार सदफ नईम की मौत से गहरा दुख हुआ. दुखद घटना के लिए परिवार के प्रति संवेदनाएं. सद्दाफ नईम एक गतिशील और मेहनती पत्रकार थीं.
हम मृतक के परिवार के लिए धैर्य की प्रार्थना करते हैं. बता दें कि इस वक्त पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 'हकीकी आजादी मार्च' निकाल रहे हैं. बीते दिन यानी शनिवार को तो इसे देखते हुए इस्लामाबाद में धारा 144 तक लागू कर दी गई थी. इमरान के लॉन्ग मार्च को लेकर सरकार की ओर से पीटीआई नेतृत्व के साथ बातचीत के लिए गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के नेतृत्व में एक कमेटी भी बनाई गई है. लॉन्ग मार्च के इस्लामाबाद पहुंचने पर यह कमेटी पीटीआई नेतृत्व के साथ बातचीत करेगी.
टीवी पर नहीं प्रसारित हो रहा इमरान का यह मार्च
इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को एक बड़ा झटका लगा था. दरअसल पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने टीवी चैनलों को इमरान खान के आजादी मार्च के लाइव कवरेज करने से रोक दिया था. इस आदेश के मुताबिक इमरान के आजादी मार्च का लाइव प्रसारण नहीं किया जा रहा है.
क्या है इमरान का लॉन्ग मार्च?
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार से लाहौर के लिबर्टी चौक से इस्लामाबाद तक 'हकीकी आजादी लॉन्ग मार्च' शुरू किया है. ये मार्च 4 नवंबर को इस्लामाबाद पहुंचेगा. इससे पहले इमरान ने अपनी पार्टी को विरोध रैली करने की अनुमति देने के लिए सरकार से औपचारिक अनुमति मांगी थी. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि इमरान रैली को इस्लामाबाद में खत्म करेंगे या इसे अपने 2014 के विरोध की तर्ज पर धरना में बदल देंगे. बता दें कि तब उनके समर्थकों ने संसद भवन के सामने 126 दिन तक धरना दिया था.
एक ही साल में दूसरा मौका
यह पहला मौका नहीं है जब इमरान खान सड़कों पर उतरकर जनसमर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. एक ही साल में यह दूसरा मौका है जब इमरान खान ने अपने समर्थकों से सड़क पर उतर कर इस्लामाबाद की ओर मार्च करने का ऐलान किया है. इससे पहले मई में भी उन्होंने ऐसी कोशिश की थी, लेकिन तब पाकिस्तान की मुस्लिम लीग (नवाज) की सरकार ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के सामने सुरक्षा बलों को तैनात कर इसे नाकाम कर दिया था. बाद में इमरान ने खुद कहा कि वो सिविल वॉर के स्थिति से बचने के लिए मार्च वापस ले रहे हैं.