राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोप के पुननिर्माण में फ्रांस और जर्मनी को मिलकर आगे आने का किया आह्वान
पेरिस (आईएएनएस)| फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस-जर्मनी सुलह की 60वीं वर्षगांठ के जश्न के दौरान पेरिस में कहा कि फ्रांस और जर्मनी को मिलकर यूरोप के पुनर्निर्माण में अग्रणी बनना चाहिए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार मैक्रॉन ने रविवार को कहा कि अग्रणी के रूप में दोनों देशों का पहला काम अपने मतभेदों से परे एक साथ एक नए ऊर्जा मॉडल का निर्माण करना होना चाहिए।
हमें यूरोपीय स्तर पर सार्वजनिक और निजी निवेश को प्रोत्साहित और तेज करना चाहिए, उन्होंने कहा, दोनों सहयोगियों को अपने स्रोतों के विविधीकरण को पूरा करना चाहिए और यूरोप में कार्बन मुक्त ऊर्जा के उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहिए।
मैक्रॉन ने कहा कि फ्रांस और जर्मनी को नवाचार और प्रौद्योगिकियों के लिए भी आगे आना चाहिए।
मैक्रॉन ने एक महत्वाकांक्षी यूरोपीय औद्योगिक रणनीति, मेड इन यूरोप 2030 रखी, इसके बारे में उन्होंने कहा कि यह यूरोप को नई तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में श्रेष्ठता प्रदान करेगा।
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि यूरोप का भविष्य जर्मनी और फ्रांस की प्रेरक शक्ति पर निर्भर करता है।
रविवार को 23वीं फ्रेंको-जर्मन मंत्रिपरिषद का भी आयोजन किया गया, इसमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा संक्रमण, रक्षा और यूरोपीय नीति जैसे विषयों पर चर्चा हुई। एक संयुक्त घोषणापत्र में दोनों देश अंतरिक्ष और साइबरस्पेस में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
दोनों देशों ने घोषणा में कहा, हमें अपने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मॉडल को मजबूत और बढ़ावा देना चाहिए, जलवायु तटस्थता और स्थिरता को जल्द से जल्द हासिल करने के लिए ऊर्जा के नए साधनों की खोज में तेजी लाना चाहिए।
दोनों देशों ने ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु, उद्योग और जैव विविधता की चुनौतियों से निपटने के लिए दृढ़ संकल्प भी व्यक्त किया।
कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली बार है कि फ्रेंको-जर्मन मंत्रिपरिषद को ऑफलाइन आयोजित किया गया था।