LOCKDOWN: कोरोना के नए स्ट्रेन से पुरे देश में हाहाकार, 17 जुलाई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन
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लंदन: ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन नियंत्रण से बाहर है. ब्रिटिश सरकार तमाम पाबंदियों के बावजूद संक्रमण पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है. इसी के मद्देनजर अब ब्रिटिश सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन को 17 जुलाई तक बढ़ा दिया है. साथ ही ज्यादा खतरे वाले देशों से आने वाले यात्रियों को कम से कम 10 दिनों तक क्वांरटीन रखने का फैसला लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग के लिए 17 जुलाई तक लॉकडाउन कानून को आगे बढ़ा दिया है. इस दौरान देश में पब, रेस्तरां, दुकानों और सार्वजनिक स्थल बंद रहेंगे. विदेशी यात्रियों को 10 दिन के लिए होटल में क्वांरटीन रहना होगा.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि सरकार बढ़ते संक्रमण के मामले के चलते लॉकडाउन प्रतिबंधों को आसान बनाने पर विचार नहीं कर सकती है. जब सरकार को यह भरोसा हो जाएगा कि टीकाकरण अभियान का कुछ पॉजिटिव असर हो रहा है, तभी इस बारे में विचार किया जा सकता है.
संक्रमण से ब्रिटेन में करीब 1 लाख की मौत
ब्रिटेन में कोरोना से मौत का आंकड़ा एक लाख के पार होने वाला है. यहां अब तक 36 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. इनमें से 97,329 लोगों की जान जा चुकी है. बीते दिन ब्रिटेन में 33,552 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए और 1300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. अब तक 5.38 लाख लोगों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है.
पीएम बोरिस जॉनसन को कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के चलते मौत के आंकड़े में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. हाल ही में उन्होंने कहा था, "हमें जानकारी दी गई है कि ये नया स्ट्रेन तेजी से फैलने के साथ ही मृत्यु दर बढ़ सकती है. हालांकि हमें इस बात के सबूत जरूर मिले हैं कि कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे दोनों टीके प्रभावी है."
टीके की दो खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने पर बहस
कोविड-19 के टीके की दो खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने को लेकर यहां बहस छिड़ गई है. ब्रिटेन की सरकार के इस कदम उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में लोगों को टीके की कम से कम पहली खुराक देना है. जिनमें एक टीका फाइजर/बायोएनटेक का है और दूसरा टीका ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का है. दोनों ही टीकों की दूसरी खुराक कुछ हफ्ते के अंतर के बाद दिये जाने की जरूरत बताई गई है.
टीके की दूसरी खुराक 21 दिनों के अंदर दिए जाने की शुरुआती सलाह को ब्रिटिश सरकार के वैज्ञानिकों ने संशोधित कर दिया और दो खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने का सुझाव दिया है. इसका उद्देश्य, कहीं अधिक संख्या में लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक देना है ताकि उन्हें कोविड-19 के खिलाफ कुछ हद तक तत्काल सुरक्षा कवच मिल सके.