स्‍थानीय मीडिया रिपोर्ट: TLP ने बनाई 12 सदस्‍यों की एक कमेटी

एक आतंकी संगठन की ही तरह से बात करेगी।

Update: 2021-10-31 03:07 GMT

पाकिस्‍तान में प्रतिबंधित आतंकी गुटों में शामिल तहरीक ए लब्‍बैक पाकिस्‍तान (टीएलपी) को लेकर देश में लगातार विरोध बढ़ता ही जा रहा है। पिछले दिनों प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में कुछ लोगों की जान तक चली गई थी जबकि कई अन्‍य घायल भी हो गए थे। इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। स्‍थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसको देखते हुए अब टीएलपी ने 12 सदस्‍यों की एक कमेटी बनाई है जो इमरान खान की सरकार और इस संगठन के बीच सुलह का रास्‍ता तलाश करने में अहम भूमिका निभाएगी।

जियो न्‍यूज का कहना है कि शनिवार को धार्मिक मामलों के मंत्री और इंटर फेथ हारमनी के पीर नूर उल हक कादरी ने बताया है कि टीएलपी ने सरकार से बातचीत के लिए जिन लोगों को चुना है वो इस संबंध में अपनी बात सरकार के सामने रखेंगे। उनका ये भी कहना है कि देश के धार्मिक नेताओं ने प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात कर इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की अपील की है। कादरी ने एक बैठक में में हा कि सरकार हमेशा से ही विवादित मुद्दों का हल शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के द्वारा हल करने के समर्थन में रही है। टीएलपी के कदम का भी उनेंने स्‍वागत किया है।
कादरी ने बताया है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने उलेमाओं से भी उनके सुझाव मांगे हैं, जिससे देश को बचाया जा सके और खून खराबे को रोका जा सके। उन्‍होंने कहा कि वो हर विकल्‍प और सुझाव का स्‍वागत करेंगे। उन्‍होंने ये भी कहा कि टीएलपी की बनाई 12 सदस्‍य कमेटी सरकार से बात कर रही है। उन्‍होंने इस बात की भी उम्‍मीद जताई है कि मामले को सुलझाकर आगे बढ़ा जा सकेगा।
बता दें कि सरकार और टीएलपी के बीच बातचीत के कई दौर भी चले थे लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका था। पिछले कुछ दिनों में इसको लेकर कई जगहों पर हिंसा भी हुई है। टीएलपी अपने विरोध प्रदर्शन को इस्‍लामाबाद में करना चाहती है, जिसकी इजाजत नहीं दी गई है। केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि सरकार इस संगठन से एक राजनीतिक पार्टी की तरह नहीं बल्कि एक आतंकी संगठन की ही तरह से बात करेगी।


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