जंग के मैदान में लेडी ब्रिगेड: इस देश के प्रधानमंत्री की पत्नी भी लोहा लेने के लिए तैयार
आर्मीनिया और अजरबैजान की भीषण जंग में अब नागोर्नो-काराबाख को बचाने के लिए आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान की पत्नी अन्ना हकोबयान भी उतर आई हैं। आर्मीनिया की प्रथम महिला अन्ना ने 27 अक्टूबर से सैन्य प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है और वह उन 13 लोगों के महिला दस्ते की सदस्य हैं जो काराबाख की रक्षा में शामिल होंगी। राइफल चलाती अन्ना हकोबयान की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो गई हैं। नागोर्नो-काराबाख की लड़ाई में अब तक 5 हजार लोग मारे गए हैं और फिलहाल दोनों देशों के बीच मानवीय सीजफायर चल रहा है। आइए जानते हैं कि कौन हैं अन्ना....
आर्मीनिया के प्रधानमंत्री की पत्नी अन्ना (42 साल) ने फेसबुक पर लिखा, 'मुझे लेकर 13 महिला सैनिकों का दस्ता सैन्य प्रशिक्षण लेने जा रहा है। अगले कुछ दिनों बाद हम सीमा की रक्षा में मदद देने के लिए रवाना होंगे। न तो हमारा देश और न ही हमारी गरिमा दुश्मन के सामने आत्मसमर्पण करेंगे।' अन्ना पेशे से पत्रकार हैं और एक अखबार की संपादक हैं। अगस्त महीने से लेकर अब तक यह अन्ना का दूसरा युद्ध का प्रशिक्षण है। इससे पहले अन्ना और काराबाख की 7 महिलाओं को सात दिनों का शारीरिक और हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया था।
हाल ही में अन्ना हकोबयान की कलाश्निकोव ऑटोमेटिक राइफल के साथ तस्वीरें वायरल हो गई थीं। बताया जाता है कि अन्ना वर्ष 2018 में शांतिदूत रह चुकी हैं और उन्होंने अजरबैजान की महिलाओं से शांति के लिए अपील की थी। आर्मीनिया के प्रधानमंत्री ने लड़ाई के मोर्चे पर हालात को बेहद गंभीर बताया है और देश की जनता से अपील की है कि वे हथियार उठाएं। इससे पहले इसी महीने आर्मीनिया के पीएम के 20 साल के बेटे अशोट ने भी लड़ाई में वॉलंटियर बनने के लिए नामांकन कराया है। इस जंग में अबतक आर्मीनिया के 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
नागोर्नो-काराबाख इलाके में आर्मीनिया-अजरबैजान के बीच मानवीय युद्धविराम के बाद भी गोलाबारी जारी है। अजरबैजान ने आरोप लगाया है कि आर्मीनिया के सैनिक टेरटेर इलाके में गोले बरसा रहे हैं। उधर, आर्मीनिया ने कहा है कि अजरबैजान का रॉकेट दागने का आरोप झूठा है और हमारी सेना ने कोई मिसाइल फायर नहीं किया है। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग की यह ताजा शुरुआत 27 सितंबर को हुई थी। दोनों पक्षों के बीच भीषण जंग के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मानवीय संघर्ष विराम कराया है। यह युद्धविराम स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे से लागू है।
रूस ने इशारों ही इशारों तुर्की, इजरायल समेत अन्य विदेशी ताकतों को गंभीर चेतावनी दी है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने कहा कि इस संकट का राजनयिक समाधान मुमकिन है। उन्होंने सभी विदेशी ताकतों को चेतावनी दी कि वे इसके सैन्य समाधान को बढ़ावा देना बंद कर दें। लवरोव ने कहा कि यह कोई सीक्रेट नहीं है कि हम इस समस्या के सैन्य समाधान की संभावना का समर्थन नहीं करते हैं। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि आर्मीनिया और अजरबैजान दोनों ही हमारे मित्र देश हैं। हम सैन्य समाधान के विचार का समर्थन नहीं करते हैं। इससे पहले तुर्की ने ऐलान किया था कि अगर अजरबैजान की ओर से अनुरोध आया तो वह अपनी सेना को भेजने के लिए तैयार है।