पाकिस्तान के क्षतिग्रस्त अयूब पुल की बर्बादी ने खोली NHA की पोल, जनता ने लगाया अनदेखी का आरोप

पाकिस्तान के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर स्थानीय जनता ने क्षतिग्रस्त अयूब पुल की अनदेखी का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी अखबार डान में छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अयूब पुल को ठीक करने में विफल साबित हुआ है।

Update: 2022-01-25 00:59 GMT

 पाकिस्तान के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर स्थानीय जनता ने क्षतिग्रस्त अयूब पुल की अनदेखी का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी अखबार डान में छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अयूब पुल को ठीक करने में विफल साबित हुआ है। जिसके कारण लंगरा ब्रिज पर भारी ट्रैफिक आ रहा है, इस वजह से इस पुल को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बता दें कि, 70 के दशक की शुरुआत में बनाया गया अयूब ब्रिज देश के बाकी हिस्सों यानि एबटाबाद, गलियत, कघन घाटी और गिलगित बाल्टिस्तान को जोड़ता है। यह जुलाई 2021 में क्षतिग्रस्त हो गया था, जब बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गई थी।

दरअसल, अयूब ब्रिज को 1970 के दशक की शुरुआत में हवेलियन में काराकोरम राजमार्ग पर डौर नदी पर बनाया गया था। जुलाई 2021 में बारिश के कारण नदी में बाढ़ आने से इस ब्रिज को काफी नुकसान हुआ। हालाकि इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से पाकिस्तान के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने यातायात को पास के लंगरा ब्रिज की ओर मोड़ दिया था। जिसे केवल हल्के यातायात के लिए बनाया गया था। यातायात अधिकारियों के अनुसार, अयूब ब्रिज के बंद होने के बाद मुख्य मार्ग से यातायात को लंगरा ब्रिज पर पुनर्निर्देशित किया गया था। जिसके बाद से लगभग 5,000 कारें प्रतिदिन लंगरा ब्रिज को पार करती हैं, जिससे पुल पर नियमित रूप से भीड़भाड़ होती है।

हरिपुर और एबटाबाद के बीच सार्वजनिक परिवहन से दैनिक यात्रा करने वाले एक सरकारी कर्मचारी अब्दुल कादिर ने कहा कि, पुरानी हवेलियां सड़क के माध्यम से लंगरा ब्रिज को पार करने में रोजाना लगभग 30 मिनट से एक घंटे तक का समय लगता है। एक स्थानीय पत्रकार अब्बास शाह ने कहा कि, अयूब ब्रिज के नीचे रेत और पत्थर की अवैध खुदाई से इसकी संरचना को नुकसान हो सकता है। अगर खनिज विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी अवैध गतिविधि को रोकने के लिए समय पर कार्रवाई करते हैं, तो पुल को नुकसान से बचाया जा सकता है।


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