चीन की दादागीरी से निपटने के लिए बढ़ेगा सहयोग, बोले- टकराव की स्थितियां बनाने की हो रही कोशिशें

क्वाड देशों के विदेश मंत्री हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र को हर तरह के दबाव में मुक्त रखने पर सहमत है।

Update: 2022-02-11 16:04 GMT

नई दिल्ली, क्वाड देशों के विदेश मंत्री हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र को हर तरह के दबाव में मुक्त रखने पर सहमत है। उन्होंने इस बाबत आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने क्षेत्र में किसी की दादागीरी न चलने देने का एलान किया है और उससे मिलकर निपटने का फैसला किया है। इन नेताओं ने आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने और सीमापार आतंकवाद फैलाने वाले देशों की निंदा की है। साथ ही अफगानिस्तान की धरती के किसी देश को धमकाने या हमला करने के लिए इस्तेमाल न होने की भी जरूरत बताई।

आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मैरिस पायने की मेजबानी में मेलबर्न में हुई क्वाड (क्वाड्रिलेट्रल सिक्युरिटी डायलाग) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री योशीमासा हायाशी ने यूक्रेन संकट पर भी विचार किया। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि रूस ने अगर यूक्रेन पर हमले का दुस्साहस किया तो उसे गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। फिलहाल अमेरिका इस विवाद को बातचीत के जरिये खत्म कराने के प्रयास में लगा है।
संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में विदेश मंत्री जयशंकर ने हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में बिना बाधा के आवागमन, शांति, स्थिरता और आर्थिक रूप से संपन्नता बनी रहने की जरूरत बताई। कहा, प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हुए हम अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन कराएं। क्षेत्र को हर तरह की दादागीरी से मुक्त बनाएं। समुद्र के अंतरराष्ट्रीय मार्ग में किसी तरह की रुकावट पैदा न होने दें। विदित हो कि चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दक्षिण चीन सागर के मध्य कई स्थानों पर द्वीप बनाकर वहां पर अपनी सेना तैनात कर दी है और अब वह इस पूरे जलक्षेत्र को अपना बता रहा है।
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