जानिए एलन मस्क का स्टारशिप SN10 रॉकेट फटने की वजह
एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस एक्स (SpaceX) कंपनी का स्टारशिप एसएन10 स्पेसक्राफ्ट का तीन मार्च को परीक्षण हुआ था
एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस एक्स (SpaceX) कंपनी का स्टारशिप एसएन10 (Starship SN10) स्पेसक्राफ्ट का तीन मार्च को परीक्षण हुआ था. इस बार यह यान आसमान तक ऊंचा उड़ने के बाद नीचे आकर जमीन पर भी सफलतापूर्वक लैंड कर गया लेकिन उसके 8 मिनट बाद ही उसमें विस्फोट (Explosion) हो गया. इस विस्फोट से स्पेसएक्स के मालिक एल मस्क (Elon Musk) बिलकुल भी चिंचित नहीं दिखते हैं बल्कि वे अपने नतीजों से काफी संतुष्ट लगते हैं.
विस्फोट सभी परीक्षणों का हिस्सा
दिलचस्प बात यह है कि अब तक किए सभी दस संस्करणों में यान में विस्फोट जरूर हुआ है. इस बार एक खास तरह का अंतर देखा गया. यह तीसरा ऐसा यान है जिसे उड़ान में पूरी सफलता हासिल की. जहां एसएन8 और एसएन9 भी उड़ान के लिहाज से पूरी तरह से सफल रहे, इस तरह एसएन10 की उड़ान तीसरे सफल उड़ान थी, लेकिन एसएन8 और एसएन9 नीचे आते समय जमीन से टकराए लेकिन एसेन10 ने तो लैंडिंग में भी सफलता हासिल कर ली थी.
लैंडिंग के बाद हुई समस्या
लेकिन एनएस10 की कहानी यहां नहीं रुकी. लैंडिंग के बाद एनएस10 से कुछ लपटें निकलती दिखीं और लैंडिंग के 8 मिनट बाद एक विस्फोट के साथ ही यह आग का गोला बन गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर स्पेसएक्स के रॉकेट में विस्फोट क्यों होते हैं.
ट्वीट में क्या कहा मस्क ने
एसएन10 के विस्फोट का फौरन कोई कारण नहीं बताया गया. विस्फोट के एक घंटे बाद एलन मस्क का ट्वीट सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि स्टारशिप एसए10 ने एक पीस में लैंडिंग की. इसके बाद अगले ट्वीट में उन्होंने कहा कि स्पेसएक्स टीम बहुत बढ़िया काम कर रही है.सफलता का सही पैमाना स्टारशिप उड़ानों का आम हो जाना ही होगा.
मस्क का फोकस है कुछ और
इससे पहले ही स्टारशिप रॉकेट के परीक्षण के बाद होने वाले विस्फोट पर एलन मस्क अपने ट्वीट में नजरअंदाज करते दिखे हैं. साफ है कि परीक्षण के दौरान और इस बार तो परीक्षण के तुरंत बाद ही होने वाले विस्फोट के प्रति एलन मस्क गंभीर नहीं हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है मस्क का फोकस. उनका ध्यान परीक्षण से मिलने वाले आंकड़ों पर होता है ना कि उनके मिलने के बाद होने वाला विस्फोटों पर.
हर परीक्षण में बदलाव एक बड़ा हिस्सा
स्पेसएक्स के परीक्षण बहुत ही नियोजित होते हैं और मस्क भी जानते हैं कि यह परीक्षण अंतिम नहीं हैं ऐसे में वे इन परीक्षण को अंतिम परीक्षण की तरह नहीं देखते हैं. इसके अलावा हर परीक्षण पीछले परीक्षण से कई लिहाज से बहुत अलग हो जाता है. जैसे पहले परीक्षण में एक ही राप्टर इंजन का उपयोग हुआ था. जबकि एसएन8, 9 और 10 में तीन राप्टर इंजनों का उपयोग हुआ था.
परीक्षणों से संतुष्ट दिखते हैं मस्क
अभी स्पेस एक्स इस तरह के बहुत सारे परीक्षण करेगा. जाहिर है इसमें प्राथमिकता रॉकेट की सुरक्षा नहीं होगी लेकिन सुरक्षा की अहमियत कम हो ऐसा भी नहीं होगा. स्पेस एक्स अभी तक परीक्षणों से खुश ना हो ऐसा भी नहीं है, बल्कि इससे उलट मस्क पर परीक्षणों से काफी संतुष्ट दिखते हैं. वे पहले एक बार कह चुके हैं कि उन्हें पूर्ण सफलता 23 या 24वें परीक्षण में ही मिल सकती है.
स्पेस एक्स साल 2023 तक नियमित अंतरिक्ष उड़ाने शुरू कर देगा और उसका साल 2026 तक मंगल पर करीब 100 लोगों को पहुंचाने का इरादा है. इसके लिए मस्क ने गहन नियोजन कर रखा है. वे मंगल पर इंसान के रहने के लिए आने वाली तमाम बाधाओं का पार करने में आश्वस्त हैं.