जानें कब उड़ेगा मंगल पर पर्सिवियरेंस रोवर के साथ गया नासा का इंजेन्यूटी हेलीकॉप्टर

पृथ्वी के बाहर पहली उड़ान

Update: 2021-03-21 11:16 GMT

एक महीने पहले नासा (NASA) का सबसे चर्चित रोवर पर्सिवियरेंस (Perseverance Rover) मंगल ग्रह (Mars)पर उतरा था. इसके साथ कई नई तकनीकों का परीक्षण होना था जिसमें अब तक सबसे उन्नत किस्म के उपकरण लगे थे. इन्हीं में एक था इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर (Ingenuity Helicopter) जिसे मंगल पर पहली उड़ान भरनी है. पर्सिवियरेंस रोवर के उतरने के एक महीने बाद भी इंजेन्युटी का उड़ान न भरना लोगों को हैरान कर रहा है. अब नासा ने बताया है कि यह उड़ान कब भरी जाएगी.


पृथ्वी के बाहर पहली उड़ान
मंगल ग्रह पर ही नहीं पृथ्वी से बाहर यह पहली उड़ान होगी. नासा के मुताबिक यह उड़ान कुछ ही हफ्तों दूर रह गई है. पर्सिवियरेंस रोवर और इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर के पीछे की टीम ने इंजेन्युटी के लिए उड़ने का इलाका चुन लिया है. अब 1.8 किलो के इस चॉपर के लिए उड़ान की तैयारियां शुरू हो गई हैं.

नासा ने बताया कब होगा ये
नासा के अधिकारियों ने अभियान के अपने नए अपडेट में इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि इंजेन्युटी की टेस्ट फ्लाइट अप्रैल के पहले सप्ताह से से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं है. इसकी पहली उड़ान के समय की विस्तृत जानकारी अभी तय नहीं की गई है क्योंकि इंजेन्युटी और पर्सिवियरेंस की टाइमलाइन पर अभी काम चल रहा है

अभी पर्सिवियरेंस से ही जुड़ा है इंजेन्युटी
इंजेन्युटी उड़ान पर नासा अपना अपडेट आने वाले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए देगा. वहीं इंजेन्युटी अब भी पर्सिवियरेंस के पेट से चिपका हुआ है. इसके बारे में कहा जा रहा था कि मंगल पर उतरने के फौरन बाद ही यह उड़ान भरने में सक्षम होगा. लेकिन 45 किलोमीटर चौड़े जजीरो क्रेटर पर पर्सिवियरेंस के उतरने के बाद अभी तक इंजेन्युटी के बारे में कोई बात नहीं हुई है.
कैमरे में कैद होगी उड़ान
अभियान के सदस्यों का कहना है कि एक बार पर्सिवियरेंस चुने हुए एयरफील्ड में पहुंच जाए तब उससे इंजेन्युटी अलग हो जाएगा और100 मीटर की उड़ान भरेगा. इसके बाद पर्सवियरेंस अपने मास्टकैम Z कैमरों के जरिए इस उड़ान को कैद करेगा तो वहीं उसके दोनों माइक्रोफोन इस उड़ान की आवाज को कैद करेंगे

क्या कर सकता है इंजेन्युटी
इंजेन्युटी में भी एक खुद का उच्च विभेदन कैमरा लगा हुआ है, लेकिन उसके साथ किसी तरह का वैज्ञानिक उपकरण नहीं लगा हुआ है. इस तकनीकी प्रदर्शन के लिए मंगल पर भेजा गया है. जिससे मंगल पर हवाई सर्वेक्षण किया जा सके. अगर इंजेन्युटी का मंगल पर प्रयोग सफल रहा तो भविष्य के मंगल अभियानों में हेलीकॉप्टर सामान्यतः शामिल होने लगेंगे और रोवर को दिशानिर्देश करने के साथ आंकड़े जमा करने में मदद कर सकेंगे.
इंजेन्युटी के जमीन छोड़ने के बाद नासा अपने मूल अभियान में व्यस्त हो जाएगा. वह मंगल पर पुरातन जीवन के संकेत खोजने का काम शुरू करेगा और जरीरो क्रेटर के आसपास दर्जनों मिट्टी के नमूनों को इकठ्ठा करेगा. इन नमूनों को नासा ठऔर यूरोपीय स्पेस एजेंसी के सयुक्त अभियान के जरिए पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा. नमूने पृथ्वी पर 2031 तक पहुंच सकेंगे.
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