जानिए पड़ोसी देश पाकिस्तान में कितनी है अल्पसंख्यक हिंदुओं की आबादी, आ गया सरकारी डेटा
इसके बवाजूद पाकिस्तान की पुलिस ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करने की जगह लीपापोती ही करती है।

पेशावर: पाकिस्तान में 22,10,566 हिंदू रहते हैं जो कुल पंजीकृत आबादी 18,68,90,601 का महज 1.8 प्रतिशत हैं। यह जानकारी सेंटर फॉर पीस ऐंड जस्टिस पाकिस्तान की रिपोर्ट में दी गई है। नेशनल डाटाबेस ऐंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (एनएडीआरए) के आंकड़ों के आधार पर तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि देश की आबादी में अल्पसंख्यकों की आबादी पांच प्रतिशत से कम है और इनमें से भी हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है।
18,25,92,000 है पाकिस्तान में मुस्लिमों की संख्या
एनएडीआरए के मुताबिक मार्च तक देश में कुल पंजीकृत आबादी 18,68,90,601 है जिनमें से मुस्लिमों की संख्या 18,25,92,000 है। प्राधिकरण से अल्पसंख्यकों को प्राप्त कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) के आधार पर रिपोर्ट में अलग-अलग 17 धार्मिक समूहों की पुष्टि की गई है और 1,400 लोगों ने स्वयं को नास्तिक बताया है।
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियां सुरक्षित नहीं? 36 दिनों में 4 का अपहरण, जबरन इस्लाम कबूल करवाया
पाकिस्तान में 22,10,566 हिंदू मौजूद
पाकिस्तान में तीन राष्ट्रीय जनगणना के आधार पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 22,10,566 हिंदू, 18,73,348 ईसाई,1,88,340 अहमदिया,74,130 सिख, 14,537 बहाई और 3,917 पारसी रहते हैं। देश में 11 अन्य अल्पसंख्यक समुदाय हैं जिनके लोगों की संख्या दो हजार से कम है जिन्हें एनएडीआरए ने सीएनआईसी जारी किए हैं।
पाकिस्तान में 26 दिनों में तीन हिंदू लड़कियों का अपहरण, कट्टरपंथियों ने जबरन इस्लाम कबूल करवाया
पाकिस्तान में यहूदी और कैलाशा धर्म के अनुयायी भी
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 1,787 बौद्ध, 1,151 चीनी, 628 शिंटो, 628 यहूदी, 1,418 अफ्रीकी धर्म अनुयायी, 1,522 केलाशा धर्म अनुयायी और छह लोग जैन धर्म का पालन करते हैं।
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का बुरा हाल
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक हिदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों का बुरा हाल है। आए दिन कट्टरपंथियों के इशारे पर इन धर्मों को मानने वाले परिवारों की बेटियों का अपहरण कर जबरन निकाह करवाया जाता है। इतना ही नहीं, धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल पर भी हमले होना आम बात है। इसके बवाजूद पाकिस्तान की पुलिस ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करने की जगह लीपापोती ही करती है।