कनाडा चुनाव: जस्टिन ट्रूडो और एरिन ओ'टूले के बीच कांटे की टक्कर, सत्ता से बाहर होने का मंडरा रहा खतरा
पिछले चुनाव की बात करें, तो तब लिबरल पार्टी ने 157 सीट जीती थीं. जबकि कंजरवेटिव पार्टी ने 121 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
कनाडा में पहले चरण का मतदान होने के बाद शुरुआती परिणाम आने शुरू हो गए हैं. जिससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो (Justin Trudeau) की लिबरल पार्टी और विपक्षी नेता एरिन ओ'टूले की कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) के बीच कांटे की टक्कर है. वोट का प्रबंधन करने वाले इलेक्शंस कनाडा के अनुसार इस बार 2.7 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य हैं और सोमवार को मतगणना केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी लाइन भी लगीं. हालांकि अंतिम नतीजे आने में अभी वक्त लगेगा.
चुनाव अधिकारियों को मेल किए गए बैलेट की गिनती भी करनी है. ट्रूडो तय समयसीमा से दो साल पहले चुनाव करवा रहे हैं. उनकी पार्टी को उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी में चुनाव कराने से पार्टी को फायदा हो सकता है. ट्रूडो का ऐसा मानना है कि उनकी पार्टी ने कोरोना वायरस महामारी को बेहतरी से नियंत्रित किया है. इससे पहले 2019 के संघीय चुनाव (federal election) में पार्टी बहुमत से पीछे रह गई थी. 49 साल के ट्रूडो साल 2015 से देश के प्रधानमंत्री हैं. उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के विरोध प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ा है.
सरकार के विरोध में दिखे लोग?
बहुत से लोगों ने सरकार के प्रति इसलिए विरोध दर्ज कराया क्योंकि कोरोना वायरस की चौथी लहर के बीच मतदान कराया जा रहा है. जबकि कुछ लोग ट्रूडो के समर्थन में भी दिखे. वोट देने आए मंडोजा नामक शख्स ने कहा, 'मुझे ट्रूडो पसंद हैं. हर कोई अच्छी चीजें करता है और कई बार बुरी भी, लेकिन अगर आप सबकुछ संतुलन पर रखते हैं तो यह सकारात्मक दिखाई पड़ता है.' कुछ लोगों को किसी भी पार्टी पर भरोसा नहीं है. वोट देने पहुंची इसाबेल फॉचर ने कहा, 'मुझे इस वक्त ऐसा लगता है कि किसी भी नेता पर भरोसा नहीं किया जा सकता.'
इस साल क्या हैं चुनावी मुद्दे?
चुनाव ऐसे वक्त पर हो रहा है, जब कोरोना वायरस महामारी फैली हुई है, लोगों के लिए वैक्सीन लगाना अनिवार्य किया जा रहा है, स्वास्थ्य पर निवेश से जुडे़ मुद्दों और अर्थव्यवस्था में रिकवरी पर बहस हो रही है. रविवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन ट्रूडो और एरिन ओ'टूले ने इन्हीं मुद्दों पर लोगों को साधने की कोशिश भी की है. अपनी अंतिम अपील में ट्रूडो ने जनता को चेताया कि उनके प्रतिद्वंद्वी एरिन ओ'टूले महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश को विज्ञान पर भरोसा करने वाली लिबरल पार्टी की जरूरत है. पिछले चुनाव की बात करें, तो तब लिबरल पार्टी ने 157 सीट जीती थीं. जबकि कंजरवेटिव पार्टी ने 121 सीटों पर जीत दर्ज की थी.