इजरायल। इजरायल को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी चिंतित है. उन्होंने कहा कि "दुनिया भयावह तस्वीरें देख रही है। इजरायली शहरों पर हजारों रॉकेट बरस रहे हैं। हमास के आतंकवादी न केवल इजरायली सैनिकों बल्कि नागरिकों को सड़कों और उनके घरों में मार रहे हैं। यह अनुचित है। इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।"
बता दें कि इजरायल में शनिवार का सूरज गाजा पट्टी में धमाकों की गूंज के साथ उगा. फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर महज 20 मिनट में 5 हजार रॉकेट दागे. हमले में अब तक 100 से ज्यादा लोगों के मौत की बात सामने आ रही है. 900 से ज्यादा लोग घायल हैं. वहीं हमास की ओर से दावा किया गया है कि उसने कई इजरायली सैनिकों को बंधक बना लिया है. वहीं कई इजरायली नागरिकों को भी बंधक बनाए जाने की जानकारी है. वहीं इजरायल के जवाबी हमले में 198 मौतें हुई हैं और लगभग 1,500 घायल हुए हैं.
हमास ने पूरी प्लानिंग के साथ इजरायल को निशाना बनाया, जिसकी तैयारी वो काफी वक्त से कर रहा था. हमले को इजरायली खुफिया एजेंसी की बड़ी चूक बताया जा रहा है. कारण, दुनिया की सबसे तेजतर्रार एजेंसियों मोसाद और शिन बेट के होते हुए भी हमास द्वारा हलमे की प्लानिंग का पता नहीं लग सका. वहीं यह सब तब हुआ है जब इजरायल के पास दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है. इतना ही नहीं, देश के बॉर्डर पर सुरक्षा कैमरे, शिन बेट और मोसाद के एजेंट्स, अत्याधुनिक थर्मल इमेजिंग/मोशन सेंसर तैनात हैं. वहीं यहां पर कि आधुनिक बॉर्डर फेंसिंग 'आयरन डोम' लगाने के बावजूद भी ये हमला नहीं रोका जा सका. जानकारों की मानें तो इजरायल ईरान से मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही दूसरे छौर पर मौजूद फिलिस्तीन पर ध्यान ही नहीं दिया. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि नेतन्याहू सरकार द्वारा न्याय प्रणाली में किए गए बदलाव को लेकर तेल अवीव समेत कई शहरों में चल रहे विरोध प्रदर्शन का भी फायदा दुश्मन देशों ने उठाया है. कारण, कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.