जिहादियों ने माली में 40 से ज्यादा लोगो को उतारा मौत के घाट, वहीं पड़ोसी देश बु्र्किना फासो में भी 12 सैनिकों की कर दी हत्या
संदिग्ध जिहादियों ने पश्चिम अफ्रीकी देश माली में 40 से ज्यादा आम नागरिकों की हत्या कर दी है. वहीं पड़ोसी देश बु्र्किना फासो में 12 सैनिकों को भी मार दिया है. इस बात की जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- Mali Jihadi Attack: संदिग्ध जिहादियों ने पश्चिम अफ्रीकी देश माली में 40 से ज्यादा आम नागरिकों की हत्या कर दी है. वहीं पड़ोसी देश बु्र्किना फासो में 12 सैनिकों को भी मार दिया है. इस बात की जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी है. इस घटना के बाद से दोनों देशों में लोगों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता जताई जा रही है. सैन्य अधिकारी ने बताया कि रविवार को 'आतंकवादियों' ने नाइजर के साथ लगी माली की सीमा के पास कराउ, औटागौना और दौटेगेफ्ट के गांवों पर हमला कर दिया और 40 से अधिक लोगों को मार गया.
एक सूत्र ने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा, 'आतंकी गांव में घुसे और सभी लोगों को मार दिया.' स्थानीय अधिकारी ने पहचान ना जाहिर करते हुए बताया कि 'कराउ में 20 लोगों का नरसंहार किया गया है (Burkina Faso Jihadi). 14 लोगों को औटागौना में मारा गया और बाकी के लोगों को दौटेगेफ्ट में मारा गया.' हत्यारे मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे, जिससे ग्रामीण हैरान रह गए. एक चौथे गांव के अधिकारी ने कहा कि उनके गांव पर भी हमला किया गया है.
लोगों से नहीं हो पा रहा संपर्क
घटना की जानकारी मिलते ही सरकार की ओर से मदद के लिए सैन्य टुकड़ी भेजी गई है. आतंकियों ने टेलीकॉम वाली जगहों को भी काफी क्षति पहुंचाई है, जिससे चलते लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा. माली की बात करें तो यह एक गरीब और लैंडलॉक्ड देश है (Burkina Faso Jihadi). ये देश साल 2012 से ही जिहादियों के आतंक का सामना कर रहा है. ये संकट देश के उत्तरी हिस्से में फैली अशांति के साथ शुरू हुआ था, जो माली के जातीय रूप से अस्थिर केंद्र और फिर पड़ोसी नाइजर और बुर्किना फासो तक फैल गया.
अल-कायदा और ISIS से जुड़े हैं आतंकी
आतंकियों का ये समूह अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (Islamic State Group) से जुड़ा हुआ है. स्थानीय अधिकारी ओउमर सिस्से ने बताया कि हमलावर रविवार की शाम लगभग छह बजे औटागौना और कराउ समुदायों के बीच पहुंचे और खुद को जिहादी बताया. उन्होंने 'द एसोसिएटेड प्रेस' को बताया, 'अधिकांश पीड़ित अपने घरों के सामने थे, जबकि अन्य लोग मस्जिद जा रहे थे.' यह हमला माली की सेना द्वारा दो जिहादी नेताओं को गिरफ्तार करने के एक हफ्ते बाद हुआ है, जिनकी औटागौना और कराउ के निवासियों ने निंदा की थी.