जापान के नए पीएम: बाइडन ने जापान से विवादित द्वीपों की रक्षा करने का किया वादा

जिस कारण नए पार्टी प्रमुख के अगले प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद पहले से ही जता दी गई थी।

Update: 2021-10-05 05:17 GMT

जापान के नए प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें राष्ट्रपति जो बाइडन से जापान में सेनकाकू द्वीप समूह के रूप में ज्ञात विवादित पूर्वी चीन सागर द्वीपों की रक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता के बारे में एक मजबूत संदेश मिला है। वहीं, किशिदा ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार की सुबह करीब 20 मिनट तक चली फोन वार्ता में सहयोगी दलों ने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को अपनाने के लिए सहयोग की पुष्टि की। बता दें कि एक दिन पहले किशिदा ने 31 अक्टूबर को संसदीय चुनाव कराए जाने को लेकर जानकारी दी थी और महामारी के वक्त देश को मजबूत करने की कसम खाई। उन्हें पिछले हफ्ते सांसदों ने देश के नए प्रधान मंत्री के रूप में वोट दिया था।

किशिदा ने कहा, 'हमने पुष्टि की है कि हम जापान-अमेरिका गठबंधन को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक को मुक्त और खुला रखने की दिशा में मिलकर काम करेंगे।' उन्होंने आगे कहा कि हमने यह भी पुष्टि की है कि हम चीन और उत्तर कोरिया से संबंधित मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे। विशेष रूप से, राष्ट्रपति ने अमेरिका-जापान सुरक्षा संधि के अनुच्छेद 5 सहित, जापान की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता पर बड़ा संदेश दिया।
बता दें कि जापान पूर्वी चीन सागर में चीनी गतिविधियों में तेजी आने से चिंतित है, जिसमें विवादित द्वीपों के आसपास पानी में घुसपैठ भी शामिल है, जिसे चीन में डियाओयस के रूप में जाना जाता है। किशिदा ने यह भी कहा कि दोनों सहयोगी कोरोना वायरस महामारी, जलवायु परिवर्तन और परमाणु प्रसार से लेकर वैश्विक मुद्दों पर एक साथ काम करने पर सहमत हुए हैं।
इसके अलावा बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के नए प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा को पदभार ग्रहण करने के लिए बधाई दी और कहा कि वह इस क्षेत्र में विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने नए नेता के लिए वोट किया था, जिसमें फुमियो किशिदा ने जीत हासिल की थी। इसी के साथ ही उनके अगले पीएम बनने की भी बात साफ हो गई थी। आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि जापान की राजनीतिक व्यवस्था ऐसी है कि लोगों की संसदीय चुनाव से ज्यादा दिलचस्पी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता के चुनाव में रहती है। इसकी मुख्य वजह यह ही है कि एलडीपी के चुने गए नेता का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय ही होता है। बता दें कि एलडीपी के पास संसद के शक्तिशाली निचले सदन में बहुमत है, जिस कारण नए पार्टी प्रमुख के अगले प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद पहले से ही जता दी गई थी।
Tags:    

Similar News

-->