जापान की नौसेना चीनी-रूसी युद्धपोतों पर रख रही है नजर, प्रशांत महासागर में हालात तनावपूर्ण
अमेरिका के नौसैनिक अड्डे हैं और चीन के हमले की सूरत में ये सबसे पहले हमले का शिकार होंगे।
टोक्यो: यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूस और चीन के कम से कम 20 युद्धपोत पिछले कुछ दिनों से जापान और उसके द्वीपों के चारों ओर समुद्र में चक्कर लगा रहे हैं। जापान की सेना अपने देश के चारों तरफ लगातार चक्कर लगा रहे इन रूसी और चीनी युद्धपोतों पर नजर बनाए हुए है। अकेले पिछले 4 दिनों में ही जापानी सेना ने कम से कम 4 चीनी और 16 रूसी नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। चीन और रूस के युद्धपोतों के संयुक्त बेड़े ने पिछले साल भी जापान के चारों ओर गश्त लगाया था।
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जापान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके चीन के युद्धपोतों के बारे में बताया है। इनमें एक टाइप 055 डेस्ट्रायर शामिल है जो चीन का सबसे आधुनिक और सबसे ताकतवर युद्धपोत है। इसके अलावा टाइप 052 डी डेस्ट्रायर और एक टाइप 901 सप्लाई जहाज शामिल है। ये जहाज प्रशांत महासागर में दक्षिण से होंशू द्वीप के पश्चिम की ओर जा रहे हैं। जापान की सेना ने सबसे पहले पूर्वी चीन सागर में 12-13 जून को इन चीनी युद्धपोतों का पता लगाया था। इनके साथ एक इलेक्ट्रानिक खुफिया निगरानी युद्धपोत भी मौजूद था।
रूस के भी 16 युद्धपोत जापान के चक्कर लगा रहे
द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक दो चीनी युद्धपोत इसके बाद उत्तर की ओर बढ़े और उसके बाद सोया स्ट्रेट से गुजरते हुए प्रशांत महासागर की ओर बढ़ गए। सोया स्ट्रेट जापान के मुख्य द्वीप होक्काइदो को उत्तर में सखालिन द्वीप से अलग करता है। ठीक उसी समय ओखट्स्क सागर में जासूसी और ईंधन की सप्लाई करने वाला युद्धपोत प्रशांत महासागर से गुजरा। इन चीनी युद्धपोतों के अलावा रूस के भी 16 युद्धपोत जापान के चक्कर लगा रहे हैं। जापान की सेना ने रूसी युद्धपोतों के बारे में भी एक बयान जारी किया है।
जापान के चक्कर लगा रहे चीन और रूस के युद्धपोत
जापान की सेना ने कहा कि 5 रूसी युद्धपोत फिलीपीन्स सागर से पूर्वी चीन सागर में घुसे हैं। ये रूसी युद्धपोत जापानी द्वीपों ओकिनावा और मियाकोजिमा के समुद्री इलाके से होकर गुजरे हैं। रूसी जंगी जहाजों के बेड़े में प्रोजेक्ट 1155 उदालोय क्लास का डेस्ट्रायर एडमिरल पंटेलेयेव, मिसाइल की जानकारी देने वाला मार्शल करयलोव और तीन अन्य युद्धपोत शामिल थे। मार्शल करयलोव को रूसी नौसेना ने अपने प्रशांत बेड़े के कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में बदल दिया है। यह युद्धपोत अमेरिका के हवाई द्वीप समूह के पास भी पिछले साल देखा गया था।
ताइवान को लेकर चीन का अमेरिका-जापान से तनाव
इसके अलावा 11 अन्य रूसी युद्धपोत जापान के पास के समुद्री इलाके में गश्त लगा रहे हैं। इससे पहले पिछले साल रूस और चीन के 10 युद्धपोतों ने जापान के द्वीपों का अक्टूबर महीने में गश्त लगाया था। विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि चीन और रूस के युद्धपोतों के एक साथ मिलकर अभी गश्त लगाने का संकेत नहीं मिला है, फिर भी दोनों देशों ने जापान को अपनी ताकत दिखाई है। चीन और जापान का ताइवान और कुछ द्वीपों को लेकर विवाद चल रहा है। वहीं रूस और जापान के बीच भी कुरियल द्वीप को लेकर तनाव है। जापान में ही अमेरिका के नौसैनिक अड्डे हैं और चीन के हमले की सूरत में ये सबसे पहले हमले का शिकार होंगे।