जयशंकर बोले भारत किनारे नहीं बैठ सकता यूरोप अपनी सोच बदले

Update: 2022-06-04 00:41 GMT

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत की विदेश नीति किनारे बैठे रहने वाली नहीं है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारतीय नीति के बारे में उन्होंने कहा, सिर्फ इसलिए कि कुछ देश हमारी नीति से सहमत नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं हैकि हम किनारे बैठे हुए हैं। उन्होंने रूस से तेल खरीदने और गेहूं निर्यात पर रोक लगाने को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना का भी मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने पूछा, यदि भारत का रूस से तेल खरीदना युद्ध के लिए पैसा मुहैया कराना है तो क्या यूरोपीय देशों द्वारा रूस से गैस और तेल खरीदना युद्ध को बढ़ावा देना नहीं है? यूरोप को अपनी सोच बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर आना चाहिए कि उसकी जो समस्या है वही बाकी दुनिया की भी समस्या है।

'दोस्ती का अगला स्तर : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगी' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि कैसे यूक्रेन संघर्ष विकासशील देशों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा, आखिर भारत से ही प्रश्न क्यों पूछे जा रहे हैं जबकि यूरोप लगातार यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस से गैस आयात करता रहा है। रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर पश्चिमी देश लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।


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