रूस पर बहुत भारी पड़ेगा यूक्रेन की साथ युद्ध, परमाणु युद्ध का खतरा बरक़रार

Update: 2022-02-18 09:58 GMT

यूक्रेन के साथ जारी तनाव पर अमेरिका के नेतृत्‍व वाले नाटो देशों को परमाणु जंग की धमकी दे रहे रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की राह आसान नहीं होने जा रही है। अमेरिका ने यूरोप के 5 देशों में 100 परमाणु बम बिल्‍कुल तैयार हालत में रखे हुए हैं। ये देश हैं- बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्की। यही नहीं इन परमाणु बमों को दागने के लिए अमेरिका ने एफ-16 समेत अन्‍य लड़ाकू विमानों को भी यूरोपीय अड्डों पर तैनात कर रखा है। इसके अलावा अमेरिका ने यूक्रेन तनाव को देखते हुए अपने B-52 परमाणु बॉम्‍बर को भी ब्रिटेन के हवाई ठिकाने पर भेजा है।अमेरिका अपने नए परमाणु बम B61-12 को भी बहुत तेजी से तैयार कर रही है जिसे साल 2023 तक यूरोप में भी तैनात कर दिया जाएगा। ये परमाणु बम अमेरिका के सबसे घातक एफ-35 लड़ाकू विमानों से गिराए जा सकते हैं। अमेरिका ने यूरोप की यह किलेबंदी रूस के नाटो देशों पर हमले के खतरे को देखते हुए काफी लंबे समय से कर रखी है। उत्‍तर अटलांटिक संधि संगठन का मुख्‍य सिद्धांत है कि सामूहिक रक्षा की जाए। इसका मतलब यह हुआ कि कोई तीसरा देश अगर नाटो देशों पर हमला करता है तो प्रत्‍येक सदस्‍य को उसकी रक्षा के लिए आगे आना ही होगा।


अगर रक्षा पर खर्च की बात करें तो अमेरिका ने नाटो के अन्‍य सदस्‍य देशों के कुल रक्षा खर्च का दोगुना खर्च किया है। साल 2021 में अमेरिका का रक्षा बजट 705 अरब डॉलर रहा। रक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्‍यादा पैसा बहाने के साथ- साथ अमेरिका के पास महाविनाशक हथियार और एक विशाल सेना भी मौजूद है। साल 2017 में अमेरिका के पास 13 लाख सक्रिय सैनिक थे और 865000 सैनिक रिजर्व में थे। नाटो देशों में ब्रिटेन सबसे ज्‍यादा रक्षा खर्च करने में दूसरे नंबर पर है। इसके बाद जर्मनी, फ्रांस और इटली का नंबर आता है।अगर रूस के ताकत की बात करें तो पुतिन के नेतृत्‍व में रूस दुनिया के शक्तिशाली मुल्‍कों की श्रेणी में शामिल है। वॉशिंगटन स्थित हेरिटेज फाउंडेशन के मुताबिक रूस के हथियारों के जखीरे में 336 अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें, 2840 टैंक, 5,220 हथियार बंद वाहन और 4,684 तोपें हैं। हालांकि अभी कुछ आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, रेडॉर, सैटलाइट से निगरानी के मामले में पीछे चल रहा है। रूसी पत्रकार पावेल फेलगेन्‍हौअर कहते हैं कि हमारे पास हथियार हैं जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार शामिल हैं। लेकिन हमारा निगरानी तंत्र अभी हमला करने की ताकत की तुलना में कमजोर है।


रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्‍टीट्यूट के साल 2019 में प्रकाशित शोध के मुताबिक अगर रूस के साथ जंग छिड़ती है तो ब्रिटिश सेना पूर्वी यूरोप में बड़े पैमाने पर पिछड़ जाएगी। इस शोध में पाया गया था कि ब्रिटेन की सेना और उसके अन्‍य नाटो सहयोगी देशों के पास तोप के गोले और विस्‍फोटकों की भारी कमी है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर रूस पूर्ण हमला करता है तो वे विश्‍वसनीय तरीके से रक्षा नहीं कर पाएंगे। हालांकि रूस के खिलाफ ब्रिटेन को अकेले ही जंग नहीं लड़नी होगी। रूसी सेना पर नजर रखने वाले अलेक्‍संदर गोल्‍ट ने डीडब्‍ल्‍यू से बातचीत में कहा कि नाटो का सबसे बड़ा खिलाड़ी अमेरिका रूस पर परंपरागत बलों के मामले में रूस पर भारी बढ़त रखता है। रूसी पत्रकार पावेल ने गोल्‍ट के निष्‍कर्ष से सहमति जताई लेकिन कहा कि नाटो और रूस के बीच जंग में जीत का अनुमान लगाना एक फुटबॉल मैच की तरह से है। उन्‍होंने कहा, 'हां, असल में ब्राजील को फुटबॉल में अमेरिका को हराना चाहिए लेकिन मैंने कई ऐसे मैच दक्षिण अफ्रीका में देखे हैं जहां अमेरिकी खिलाड़‍ियों ने ब्राजील को मात दे दी। जब तक खेल खेला नहीं जाता है तब तक आप उसके रिजल्‍ट का अनुमान नहीं लगा सकते हैं।' यही बात नाटो और रूस के बीच जंग पर भी लागू होती है।



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