12 अगस्त को ISRO लांच करेगा EOS-3 सैटेलाइट, भारत ने अब तक 600 से 800 किलोग्राम के सैटेलाइट लॉन्च किए
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दावा किया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दावा किया है की है कि वह 12 अगस्त को ईओएस -3 (EOS-3) सैटेलाइट लॉन्च करेगा. लॉन्चिंग के लिए GSLV-MK3 रॉकेट का उपयोग किया जाएगा. EOS-3/GISAT-1 की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा द्वीप पर स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से की जाएगी. इसे 12 अगस्त 2021 को 5: 43 पर लांच किया जाएगा.कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस मिशन को रोक दिया गया था. अब एजेंसी इसे फिर से लांच करेगी.चंद्रयान 2 मिशन के बाद GSLV Mk III – (लॉन्च वेहिकल) के जरिए लॉन्च होने वाली ये दूसरी संचालित उड़ान होगी.
ये सैटेलाइट सीमा की सुरक्षा के लिए काम आएगा. ये एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जो सिर्फ और सिर्फ भारत की जमीन और उसके सीमाओं पर अंतरिक्ष से नजर रखेगा. रॉकेट EOS-3/GISAT-1 सैटेलाइट को जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा.जहां पर ये 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती का चक्कर लगाता रहेगा.
भारत ने अब तक 600 से 800 किलोग्राम के सैटेलाइट लॉन्च किए
लॉन्चिंग मौसम या तकनीकी बाधा आने पर टाली भी जा सकती है.GSLV-MK3 रॉकेट से पहली बार ओजाइव शेप्ड पेलोड फेयरिंग (OPLF) सैटेलाइट को छोड़ा जाएगा. यानी EOS-3/GISAT-1 सैटेलाइट OPLF कैटेगरी में आता है. इसका मतलब ये है कि सैटेलाइट 4 मीटर व्यास के मेहराब जैसा दिखाई देगा. इसरो सूत्रों की माने तो ये स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन से लैस रॉकेट की आठवीं उड़ान होगी. जबकि GSLV रॉकेट की 14वीं उड़ानलॉन्च के 19 मिनट के अंदर EOS-3/GISAT-1 सैटेलाइट अपने निर्धारित कक्षा में तैनात कर दिया जाएगा. 2268 किलोग्राम वजनी EOS-3/GISAT-1 सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट होगा.
इसके पहले भारत ने 600 से 800 किलोग्राम के सैटेलाइट लॉन्च किए थे. ये सैटेलाइट्स धरती के चारों तरफ 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर पोल से पोल तक का चक्कर 90 मिनट में एक बार लगाते थे. इस सैटेलाइट की खास बात हैं इसके कैमरे. इस सैटेलाइट में तीन कैमरे लगे हैं. पहला मल्टी स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (6 बैंड्स), दूसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (158 बैंड्स) और तीसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल शॉर्ट वेव-इंफ्रारेड (256 बैंड्स). पहले कैमरे का रेजोल्यूशन 42 मीटर, दूसरे का 318 मीटर और तीसरे का 191 मीटर. यानी इस आकृति की वस्तु इस कैमरे में आसानी से कैद हो जाएगी.