इजरायल के विदेश मंत्री का बड़ा बयान, कहा- सरकार का कोई लेना देना नहीं

इजराइल से संपर्क किया. इन सवालों के जवाब में गिलोन ने यह टिप्पणियां की.

Update: 2021-11-07 03:50 GMT

इजराइल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने NSO ग्रुप से सरकार को अलग करते हुए उसका बचाव किया है. इस सप्ताह अमेरिका ने अपने फोन हैकिंग स्पाइवेयर के कथित दुरुपयोग को लेकर कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. जुलाई में प्रकाशित 17 मीडिया संगठनों की एक जांच में कहा गया है कि NSO के पेगासस सॉफ्टवेयर ने कई देशों में पत्रकारों, सोशल एक्टिविस्ट और सरकारी अधिकारियों के स्मार्टफोन को निशाना बनाया.

कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को इज़राइल की डिफेंस मिनिस्ट्री से लाइसेंस के जरिए विदेशों में भेजती है. जिसने कथित सॉफ़्टवेयर दुरुपयोग के सामने आने के बाद कंपनी ने खुद जांच शुरू की है. हालांकि इसका कोई रिजल्ट अभी घोषित नहीं किया गया है. इजरायल ने अब तक इस बात का कोई संकेत नहीं दिया है कि वह एनएसओ के एक्सपोर्ट के दायरे को सीमित करने पर विचार कर रहा है.
NSO एक निजी कंपनी
लैपिड ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि NSO एक निजी कंपनी है, यह एक सरकारी परियोजना नहीं है. ऐसे में अगर इसे नामित भी किया जाता है तो इसका इजरायल सरकार की नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है. मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कोई दूसरा देश है, जिसके पास साइबर वॉरफेयर के मुताबिक इतने सख्त नियम हैं. हम उन नियमों को लागू करना जारी रखेंगे.
अमेरिका के एक्शन के बाद पहला बयान
अमेरिका के कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा के बाद से ये इजरायल के किसी वरिष्ठ मंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से दिया गया पहला बयान है. NSO ग्रुप पर सरकारों को हैकिंग टूल्स बेचने का आरोप लगाया गया है. वहीं एनएसओ का कहना है कि वह अपने प्रोडक्ट्स को कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेचता है और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाता है. एनएसओ ने कहा है कि वह अमेरिका के फैसले से निराश हैं.
राजदूत नाओर गिलोन ने किया था ये इशारा
भारत में इजराइल के नवनियुक्त राजदूत नाओर गिलोन ने स्पाईवेयर पेगासस संबंधी विवाद को नयी दिल्ली का ''आंतरिक मामला'' बताते हुए कहा था कि एनएसओ जैसी कंपनियां अपने उत्पाद गैर सरकारी संस्थाओं, संगठनों या व्यक्तियों को नहीं बेच सकतीं. गिलोन से इजराइली एनएसओ समूह के स्पाईवेयर पेगासस का उपयोग अनधिकृत रूप से निगरानी रखने के लिए किए जाने के आरोपों को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया गया था. उनसे यह भी पूछा गया कि क्या इस मामले पर भारत सरकार ने इजराइल से संपर्क किया. इन सवालों के जवाब में गिलोन ने यह टिप्पणियां की.


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