कोरोनावायरस से संक्रमित हुए इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, अप्रैल के पहले हफ्ते में है भारत आने का कार्यक्रम
पूरी आबादी को कोविड जैब की तीसरी खुराक प्राप्त करने के लिए टीकाकरण अभियान जारी रखेगी.
इजरायल में जानलेवा कोरोना वायरस का संकट बरकरार है. आज प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भी इसकी चपेट में आ गए हैं. नफ्ताली बेनेट कोरोना से ऐसे वक्त संक्रमित हुए हैं, जब अगले महीने की शुरूआत में उनको भारत दौरे पर आना है. बताया जा रहा है कि पीएम बेनेट ने कल अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक की थी.
बेनेट अप्रैल में करेंगे भारत का दौरा
इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट अप्रैल की शुरूआत में भारत दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच यूक्रेन संकट को लेकर चर्चा हो सकती है. बेनेट की यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इजरायली समकक्ष ने आखिरी बार पिछले साल नवंबर में ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP 26 के दौरान मुलाकात की थी. भारत और इज़राइल के बीच 29 जनवरी 1992 को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे. और इस साल की शुरुआत में इस मौके को चिह्नित करने के लिए एक स्मारक लोगो लॉन्च किया गया. लोगो में डेविड के सितारे और अशोक चक्र को दर्शाया गया है और यह अंक 30 बनाता है जो द्विपक्षीय संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के रूप को दर्शाता है.
कैसे हैं भारत-इजरायल के बीच संबंध?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में भारत और इजरायल के बीच संबंध गहरे हुए हैं. पिछले साल विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और पूर्व वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया समेत कई उच्च-स्तरीय सम्मानित व्यक्तियों ने इज़राइल का दौरा किया था. उससे पहले पीएम मोदी ने 2017 में इज़राइल का दौरा किया था, जिसके दौरान संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में अपग्रेड किया गया था. इसके बाद इज़राइल के तत्कालीन प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 2018 में भारत का दौरा किया. रक्षा, कृषि और व्यापार दोनों देशों के बीच संबंधों के प्रमुख स्तंभ रहे हैं.
कोरोना को लेकर इजरायल सख्त!
बता दें कि इजरायल में कोरोना के मामलों में गिरावट के बावजूद सरकार ने कोविड प्रतिबंधों को हटाने से इनकार कर दिया है. स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक परामर्श बैठक के बाद प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और स्वास्थ्य मंत्री नित्जन होरोविट्ज ने फैसला किया था कि मास्क मैंडेट को नहीं हटाया जाएगा, लेकिन अप्रैल में फिर से उपाय की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा, कक्षाओं में एयर फिल्टर सिस्टम की स्थापना को तेज किया जाएगा और सरकार 12 साल से ज्यादा उम्र की पूरी आबादी को कोविड जैब की तीसरी खुराक प्राप्त करने के लिए टीकाकरण अभियान जारी रखेगी.