इस्राइली अखबार की वेबसाइट हैक, एटमी कार्यक्रम स्थल पर हमले की लगाई फोटो
ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की बरसी के मौके पर हैकरों ने सोमवार तड़के येरूशलम पोस्ट नामक एक इस्राइली अखबार की वेबसाइट को निशाना बनाते हुए उसे हैक कर लिया।
ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की बरसी के मौके पर हैकरों ने सोमवार तड़के येरूशलम पोस्ट नामक एक इस्राइली अखबार की वेबसाइट को निशाना बनाते हुए उसे हैक कर लिया। हैकरों ने अखबार की वेबसाइट से उसकी मूल सामग्री को हटाते हुए इस्राइल के अघोषित परमाणु कार्यक्रम स्थल पर हमले की एक तस्वीर को लगा दिया। किसी भी समूह ने अब तक इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
येरूशलम पोस्ट की वेबसाइट पर पोस्ट की गई तस्वीर को दो साल पहले इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए ईरान के प्रतिष्ठित रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल कासिम सुलेमानी से जोड़कर देखा जा रहा है। तस्वीर में एक मिसाइल को दिखाया गया है। हैकरों ने जो तस्वीर पोस्ट की है उसमें इस्राइल के डिमोना शहर के पास शिमोन पेरेज नेगेव परमाणु अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाते हुए ईरानी सेना के हमले को दिखाया गया है।
शिमोन पेरेज नेगेव परमाणु अनुसंधान केंद्र में बीते कई दशकों से इजराइल का अघोषित परमाणु हथियार कार्यक्रम चल रहा है। अमेरिका ने सुलेमानी की तीन जनवरी, 2020 को बगदाद एयरपोर्ट के पास ड्रोन हमले में हत्या कर दी थी। अमेरिकी दावा था कि ईरानी सेना का जनरल उस पर आतंकी हमला करने की योजना बना रहा था। हालांकि अमेरिका इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं दिखा पाया।
इस्राइल-अमेरिकी झंडे जलाए गए
आईएस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए 2014 में इराकी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स का गठन करने वाले इराक के ताकतवर शिया राजनीतिक समूहों ने दो दिन पहले ही एक रैली में अमेरिका-इस्राइल के झंडे जलाए। इस दौरान अमेरिका के खिलाफ नारे लगे। लोगों ने इराक में मौजूद अमेरिकी दूतावास की तस्वीर में भी आग लगा दी। लोगों में सुलेमानी की हत्या को लेकर सोमवार को भी गुस्सा देखा गया।
अमेरिकी सैनिकों ने एयरबेस पर हमले से पहले ड्रोन गिराए
इराक में सोमवार को बगदाद एयरपोर्ट के करीब स्थित अमेरिकी एयरबेस पर ड्रोन से किया गया हमला नाकाम कर दिया गया। अमेरिकी सैनिकों ने दो हथियारबंद ड्रोन को मार गिराए। हमले में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। माना जा रहा है कि यह हमला ईरान समर्थक किसी गुट ने किया था जो दो साल पहले हुई जनरल सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाहते थे। अमेरिका ने यहां अपना बेहतरीन एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया है।