रियाद: सऊदी अरब ने शनिवार को ईरान पर इजरायली सेना की कार्रवाई की 'निंदा' की। रियाद ने कहा कि यह तेहरान की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का उल्लंघन है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "सऊदी अरब, क्षेत्र में निरंतर बढ़ते तनाव और संघर्ष के विस्तार को अस्वीकार करने के अपने रुख पर कायम है।"
बयान में कहा गया, "राज्य सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने और तनाव को कम करने की अपील करता है और क्षेत्र में जारी सैन्य संघर्षों के परिणामों के बारे में चेतावनी देता है।" सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, प्रभावशाली और सक्रिय पक्षों से क्षेत्र में संघर्षों को समाप्त करने की दिशा में अपनी भूमिकाएं, जिम्मेदारियां निभाने की अपील की। इस बीच ईरानी मीडिया ने इजरायली एयर अटैक से होने वाले नुकसान को 'मामूली' बताया और इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) पर हमले को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने का आरोप लगाया।
ईरान की अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने एक सूत्र का हवाला देते हुए, उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि हमले में सैकड़ों इजरायली प्लेन शामिल थे। इसे इजरायल की ओर से अपनी कार्रवाई को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश बताया गया। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि हमलों के दौरान इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरानी एयर स्पेस में एंट्री नहीं की और हमलों से केवल 'सीमित नुकसान' हुआ।
एजेंसी ने अपने सूत्र के हवाले से कहा, "इस हमले में 100 इजरायली मिलिट्री प्लेन शामिल होने का दावा करने वाली रिपोर्ट पूरी तरह से झूठ है, इजरायल अपने 'कमजोर' हमले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश कर रहा है।" स्थानीय मीडिया के एक हिस्से ने बताया कि हालांकि कुछ क्षेत्रों में 'सीमित नुकसान' हुआ, लेकिन इसकी पूरी सीमा और प्रभाव की जांच की जा रही है।
इससे पहले इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार को ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर 'सटीक और टारगेटेड हमले' करने का ऐलान किया। इसके साथ ही तेहरान को चेतावनी दी कि अगर उसने तनाव बढ़ाने की गलती की तो जवाब दिया जाएगा। आईडीएफ के अनुसार, शनिवार सुबह इजरायली वायु सेना (आईएएफ) के सहयोग से तीन चरणों में ये हमले किए गए। यह कार्रवाई 1 अक्टूबर को तेहरान बैलिस्टिक मिसाइल अटैक का जवाब थी।