इजरायल ने हाल में दी थी अपने नागरिकों को चेतावनी, तुर्की ने पांच को हथियारों के साथ पकड़ा
पुलिस ने उन घरों और होटलों की तलाशी के दौरान दो पिस्तौल और दो साइलेंसर जब्त किए, जहां संदिग्ध ठहरे हुए थे।
लंदन : अमेरिका में 9/11 हमले से पहले भी एक विमान का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया गया था। यात्री विमान में हुए इस धमाके में 329 लोगों की मौत हो गई थी। एक गवाह, जिसकी अब हत्या हो चुकी है, के मुताबिक अगर विमान ने देरी से उड़ान न भरी होती तो यह हीथ्रो एयरपोर्ट से टकरा सकता था। 23 जून 1985 को 37 साल पहले एयर इंडिया फ्लाइट 182 आयरलैंड के दक्षिणपश्चिम छोर से 193 किमी दूर हवा में ही ब्लास्ट हो गया था और प्लेन पर सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी।
डेलीस्टार की खबर के अनुसार यह हमला कनाडाई-सिख आतंकवादियों ने करवाया था। यह 9/11 से पहले दुनिया का सबसे घातक विमानन आतंकी हमला था। हमले की साजिश खालिस्तान समर्थक सिख संगठन बब्बर खालसा के सदस्यों ने रची थी। सिर्फ ब्रिटिश-कनाडाई इंद्रजीत सिंह रेयात को इसके दोषी ठहराया जा सका जब 2003 में उसने अपना गुनाह कबूल किया। हमले के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार की 1992 में ही मौत हो गई थी।
हीथ्रो पहुंचने में विमान को हो गई देरी
हमले की साजिश में कई अन्य लोग भी शामिल थे। खुद विमान पर चढ़े बिना साजिशकर्ताओं में से एक ने कैनेडियन पैसिफिक एयर लाइन्स फ़्लाइट 60 (टोरंटो से मॉन्ट्रियल तक) से अपने सामान को एयर इंडिया फ़्लाइट 182 (मॉन्ट्रियल से दिल्ली से हीथ्रो के रास्ते) में ट्रांसफर करने में कामयाबी हासिल की थी। मरम्मत के लिए भारत को उड़ान भरने से पहले एयर इंडिया फ्लाइट 181 (फ्लाइट 182 बनने से पहले) में एक अतिरिक्त इंजन लगाया गया था जिसमें करीब 1 घंटा 40 मिनट का समय लग गया। इस वजह से यह विमान हीथ्रो के अपने शेड्यूल टाइम से 30 से 40 मिनट लेट हो गया।
कुछ जलकर, कुछ गिरकर तो कुछ डूबकर मरे
आयरिश समयानुसार सुबह 8:14 बजे विमान रडार से गायब हो गया क्योंकि कार्गो होल्ड में रखा बम फट गया था। विमान में सवार सभी लोग मारे गए। 307 यात्रियों और 22 क्रू में से सिर्फ 132 शव ही बरामद किए जा सके, बाकी सभी समुद्र में खो गए। कुछ धमाके में मारे गए, तो कुछ 31,000 फीट की ऊंचाई से गिरकर और कुछ की मौत पानी में डूबने से हो गई। इंडो-कैनेडियन टाइम्स के पब्लिशर तारा सिंह हेयर के मुताबिक आतंकी हमले का मकसद हीथ्रो एयरपोर्ट को निशाना बनाना था।
अंकारा: तुर्की के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इजरायली विदेश मंत्री येर लैपिड की तुर्की यात्रा से पहले इजरायल के खिलाफ हमले की साजिश के संदेह में पांच ईरानियों को हिरासत में लिया है। तुर्की की मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई।लैपिड का गुरुवार को बाद में अपने तुर्की के समकक्ष मेवलुत कावुसोग्लू से मिलने का कार्यक्रम है। दोनों देश फलस्तीनियों के लिए तुर्की के मजबूत समर्थन पर तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के प्रयासों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
इजरायल ने हाल में दी थी अपने नागरिकों को चेतावनी
उनके इजरायल द्वारा हाल ही में जारी उस चेतावनी पर भी चर्चा करने की उम्मीद है, जिसमें उसने अपने नागरिकों को तुर्की की यात्रा से बचने और तुर्की में इज़रायलियों को तुरंत देश छोड़ने को कहा गया है। चेतावनी में कहा गया है कि इजरायली नागरिक ईरानी हमलों का निशाना बन सकते हैं। चेतावनी पर तुर्की ने नाराजगी जताई थी, जिसकी अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है। अंकारा ने एक बयान जारी करके जवाब दिया कि तुर्की एक सुरक्षित देश है।=
इजरायली पीएम बेनेट ने की तारीफ
इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने तब से कहा है कि तुर्की के साथ एक संयुक्त अभियान कई हमलों को विफल करने में सफल रहा और इसके परिणामस्वरूप हाल के दिनों में तुर्की की धरती पर कई संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार किए गए ईरानी नागरिकों से तुर्की की खुफिया एजेंसी पूछताछ कर रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इन लोगों से पूछताछ के लिए इजरायली खुफिया एजेंसी को अनुमति दी जाएगी या नहीं।
ईरानी नागरिकों के पास से मिले 2 पिस्तौल और साइलेंसर
हुर्रियत अखबार ने गुरुवार को बताया कि तुर्की के अधिकारियों ने बुधवार को इस्तांबुल में इजरायली नागरिकों की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के संदेह में पांच ईरानी नागरिकों को हिरासत में लिया। खबर के अनुसार, पुलिस ने उन घरों और होटलों की तलाशी के दौरान दो पिस्तौल और दो साइलेंसर जब्त किए, जहां संदिग्ध ठहरे हुए थे।