आज इजराइल राष्ट्रपति चुनाव, नेतन्याहू के 12 साल के शासन का हो सकता है खात्मा

जो भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

Update: 2021-06-02 10:07 GMT

इजराइल में बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और यहां की संसद नेसेट में 120 सांसद नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए मत डालेंगे। वहीं, विपक्षी दल गठबंधन सरकार बनाने के लिए बुधवार को बहुमत होने की घोषणा कर सकते हैं। राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल इसाक हेरजोग वरिष्ठ राजनेता हैं और इजराइल के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं जबकि दूसरे उम्मीदवार मिरियम पेरेत्ज शिक्षाविद हैं। हेरजोग 60) इजराइल की लेबर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता हैं। 2013 के संसदीय चुनाव में वह इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ खड़े हुए थे लेकिन हार गये थे।

नेतन्याहू के 12 साल के शासन का खात्मा?
पेरेत्ज 67) राष्ट्रवादी विचारधारा की हैं। यदि वह चुनाव जीत जाती हैं तो इस पद की शोभा बढ़ाने वाली पहली महिला होंगी। जिस भी उम्मीदवार को 120 सदस्यीय नेसेट में कम से कम 61 मत मिल जाएंगे वह जीत जाएगा। चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार देश का 11वां राष्ट्रपति बनेगा और उसका 7 साल का कार्यकाल 9 जुलाई से आरंभ होगा। वर्तमान राष्ट्रपति रेउवेन रिवलिन अगले महीने पद छोड़ने वाले हैं। उधर प्रधानमंत्री नेतन्याहू के विरोधी बुधवार को उनके 12 साल के शासन को समाप्त करने के लिए एक गठबंधन सरकार के गठन की मशक्कत कर रहे हैं। नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं।
बुधवार को हो सकती है गठबंधन की घोषणा
मध्यमार्गी विचारधारा के येर लापिद और अति राष्ट्रवादी माने जाने वाले नाफ्ताली बेनेट ने गठजोड़ किया है और बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनने को सहमत हुए हैं। वे अन्य दलों को भी शामिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इजराइल के मीडिया के अनुसार निचले स्तर पर होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कुछ असहमतियां हैं, लेकिन लापिद बुधवार को किसी भी वक्त गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। उनके पास इजराइल के निवर्तमान राष्ट्रपति रिवलिन को सूचित करने के लिए मध्यरात्रि तक का समय है। उन्हें सूचित करना है कि उनके पास नेसेट में कम से कम 61 सदस्यों का समर्थन है। इसके बाद उन्हें विश्वास मत हासिल करना होगा।
नेतन्याहू की कुर्सी तभी बचेगी अगर...
अगर लापिद मध्यरात्रि की समयसीमा तक राष्ट्रपति को सूचित नहीं कर पाते तो देश में 2 साल के भीतर ही पांचवीं बार चुनाव की स्थिति बन जाएगी। ऐसे में नेतन्याहू को पद पर बने रहने का एक और मौका मिल जाएगा जो भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।


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