नंगरहार में इस्लामिक स्टेट का कब्जा, तालिबान को लगता भी लगता है डर
तालिबान का कहना है कि वह इस्लामिक स्टेट को काबू में कर लेगा लेकिन रोज होते हमलों को देखकर ऐसा लगता नहीं है.
तालिबान बेशक पूरे अफगानिस्तान पर कब्जे का दावा करता हो, लेकिन एक स्थान ऐसा भी है, जहां वो पैर रखने से भी डरता है. 15 अगस्त वाले दिन इस देश पर कब्जा करने वाले तालिबान के लिए कुछ इलाके नो-गो-जोन बने हुए हैं. इनमें सबसे अहम है, देश का नंगरहार प्रांत. यहां इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) का कब्जा है. यह वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) की अफगानिस्तान स्थित ब्रांच है. ऑस्ट्रिलिया के पत्रकार हॉली मक्केय ने बताया है कि नंगरहार प्रांत के चपरहार जिले में इस्लामिक स्टेट का बेस है. यहां से वह घातक हमलों को अंजाम देता है.
ये जगह अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट का गढ़ है. पत्रकार ने एक ग्रामीण के हवाले से बताया है, 'तालिबान के आने के बाद यहां 20 से अधिक शव मिले हैं (ISIS-K Areas). महज दो दिन पहले ही एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई है. हमें नहीं पता ये किसने किया है.' यहां भी महिलाएं देश के बाकी हिस्से की तरह बुर्के से कवर होकर रहती हैं. दूसरे ग्रामीणों का कहना है कि मरने वालों की संख्या 45 से अधिक है. हॉली का कहना है कि हर रोज एक शख्स को घर से निकालकर मार दिया जाता है.
2015 से है ISIS-K की मौजूदगी
करीब 23 साल की उम्र के हाउस गार्ड समिउल्लाह ने बताया कि 'आईएसआईएस यहां 2015 से है. तालिबानी केवल दिन में दिखते हैं. रात के वक्त वह एक बेस पर इकट्ठा होते हैं और उससे बाहर नहीं निकलते. यहां तक कि पिछली सरकार के सैनिक भी दिन में ही यहां रहते थे (Afghanistan and ISIS). इसलिए यह इलाका हमेशा से इस्लामिक स्टेट का रहा है.' चपरहार के तालिबानी गवर्नर ने झिझकते हुए ये बात स्वीकार की है कि इलाके में कुछ आईएसआईएस के आतंकी हैं. गनर्वर अइनुद्दीन ने कहा है, 'ISIS यहां है, लेकिन बहुत कम. शायद वो कहीं छिपे हुए हैं लेकिन तालिबान का यहां कब्जा है और ये पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है.'
इस्लामिक स्टेट के आतंकी रहते हैं
हॉली मक्केय ने बताया कि जैसे ही चपरहार की सड़क पर आप आगे बढ़ेंगे, ये जगह उतनी ही सुनसान होती जाएगी. तालिबान के चेकपॉइंट नहीं मिलेंगे. यहां कोई ट्रैफिक भी नहीं होगा. इस्लामिक स्टेट के आतंकी यहां रहते हैं. जब उन्हें किसी को निशाना बनाना होता है, तभी वो अपने घरों से बाहर निकलते हैं (ISIS Afghanistan Airport Attack). इस्लामिक स्टेट ने पश्चिम समर्थित सरकार के गिरने के बाद से देश में कई घातक हमलों को अंजाम दिया है. उसने शिया मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए मस्जिदों में आत्मघाती हमले किए हैं. निकासी अभियान के दौरान भी काबुल एयरपोर्ट को आत्मघाती हमले से दहलाया गया था. तालिबान का कहना है कि वह इस्लामिक स्टेट को काबू में कर लेगा लेकिन रोज होते हमलों को देखकर ऐसा लगता नहीं है.