काबुल पहुंचे आईएसआई चीफ, किस 'नापाक' हरकत की फिराक में पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि आइएसआइएस-के और अल-कायदा के लगभग सभी विदेशी सदस्य पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं और इन संगठनों के नेता पाकिस्तान में रह रहे हैं।

Update: 2021-09-04 09:10 GMT

तालिबान के निमंत्रण पर पाकिस्तान के खुफिया खुफिया एजेंसी के प्रमुख जनरल फैज हमीद काबुल पहुंचे हैं। उनके साथ पाकिस्तानी अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद हैं। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी पर तालिबान का समर्थन करने का आरोप है। पंजशीर घाटी में भारी लड़ाई के बीच तालिबान जल्द ही नए सरकार के गठन की घोषणा करने वाला है।

पाकिस्तान के पत्रकार हमजा अजहर सलाम ने कहा कि हमीद दोनों देशों के भविष्य पर चर्चा करने के लिए तालिबान के निमंत्रण पर अफगानिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'डीजी आइएसआइ, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद तालिबान के निमंत्रण पर पाकिस्तानी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ काबुल पहुंचे हैं ताकि नई तालिबान सरकार के तहत पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों पर चर्चा की जा सके।'
पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी पर अफगानिस्तान पर कब्जा करने में तालिबान का समर्थन करने का आरोप है। वाशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है और अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार हटाने के लिए पाकिस्तान ने तालिबान का समर्थन किया है
विशेषज्ञों का मानना ​​है कि चुनी हुई अफगान सरकार को सत्ता से हटाने और तालिबान को अफगानिस्तान में एक निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित करने में पाकिस्तान की प्रमुख भूमिका रही है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा के नेतृत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में रहता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि आइएसआइएस-के और अल-कायदा के लगभग सभी विदेशी सदस्य पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं और इन संगठनों के नेता पाकिस्तान में रह रहे हैं।

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