क्या दूसरे ग्रहों पर भी मौजूद है कोरोना-इबोला जैसे जानलेवा खतरनाक वायरस? पढ़ें पूरी खबर
बीते दो साल से कोरोना वायरस ने जिस ढंग से दुनियाभर में कहर बरपाया है
बीते दो साल से कोरोना वायरस ने जिस ढंग से दुनियाभर में कहर बरपाया है, उसे देखते हुए बहुत से लोग चाहते होंगे कि वह किसी दूसरे ग्रह पर जाकर बस जाएं. अगर आप भी ऐसे ही लोगों में शुमार हैं तो वैज्ञानिकों के पास आपको निराश करने वाली एक खबर है. एक शीर्ष वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि कोरोना, इबोला या निपाह जैसे जानलेवा वायरस सिर्फ धरती पर नहीं बल्कि ब्रह्मांड में मौजूद दूसरे ग्रहों पर भी हो सकते हैं.
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के Beyond Center for Fundamental Concept in Science विभाग के निदेशक व एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर पॉल डेविस ने यह दावा किया है. उन्होंने एलियंस और माइक्रोबियल जीवन के आइडिया से हमें हमसे कहीं ज्यादा आधुनिक सभ्यता का पता चल सकता है. उनका कहना है कि किसी भी तरह के माइक्रोबस या अन्य एजेंट को सपोर्ट लाइफ की जरूरत होती है. ऐसे में वायरस या इस तरह की कुछ चीजें ऐसी भूमिका निभा सकते हैं. डेविस का कहना है कि वायरस वास्तव में जिंदगी का तानेबाने का हिस्सा हैं. उनका कहना है कि अगर आपको दूसरे ग्रह पर माइक्रोबियल लाइफ मिलती है तो आप कह सकते हैं कि वहां पर जीवन संभव है.
पिछले हफ्ते ही आई नई किताब
डेविस का कहना है कि ऐसे बहुत से अध्ययन हैं जो वायरस में मिलने वाले जेनेटिक मैटेरियल का इंसानों व अन्य जीवों के जीन के साथ संबंध बताते हैं. इस प्रक्रिया को क्षैतिज जीन ट्रांसफर कहते हैं. गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार डेविस की पिछले ही हफ्ते 'व्हाट्स इटिंग द यूनिवर्स?' नाम से किताब प्रकाशित हुई है. उन्होंने कहा कि ह्यूमन जीन की उत्पति दरअसल वायरल से हुई है.
वायरस की भूमिका को कम आंका गया
एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर पॉल डेविस का कहना है कि माइक्रोब्स (सूक्ष्म जीव) की अहमियत को तो सब जानते हैं, लेकिन वायरस को हमेशा ही कम करके आंका जाता है. उनका मानना है कि अगर दूसरे ग्रहों पर जीवन है तो वायरस या इससे मिलती-जुलती चीजें भी मौजूद हो सकती हैं. डेविस यह भी कहते हैं कि एलियंस का जीवन बिल्कुल समरूप हो, इसकी संभावना मुश्किल है. डेविस के मुताबिक, 'मुझे नहीं लगता कि अगर आप दूसरे ग्रह पर जाएंगे और वहां आपको सिर्फ एक टाइप के सूक्ष्म जीव मिलेंगे और खुशी से वक्त बिताएंगे.'
घबराने की जरूरत नहीं
हालांकि दूसरे ग्रहों पर भी वायरस की मौजूदगी की संभावना डराने वाली है, लेकिन डेविस कहते हैं कि इंसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. खतरनाक वायरस वह होते हैं, जो अपने मेजबान के अनुरूप ढल जाते हैं. अगर सच में कोई एलियन वायरस हैं तो इसकी काफी हद तक संभावना है कि वे कम खतरनाक हों.