ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की बढ़ते कोरोना वायरस को लेकर चिंता, कहा- पांचवीं COVID-19 लहर का खतरा, डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण तेज

Update: 2021-07-03 16:59 GMT

दुबई: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने देश में बढ़ते डेल्टा कोरोना वायरस संकट को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि अगर स्थिति को लेकर सावधानी नहीं बरती गई तो देश को कोविड-19 की पांचवी लहर का सामना करना पड़ सकता है। कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने मिडिल ईस्ट के देशों को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है।

प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह
रूहानी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, अगर देश के लोग स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से नहीं करेंगे, तो पूरा देश कोरोना की पांचवीं लहर का सामना कर सकता है। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्टे के मुताबिक देश के सिर्फ 69 फीसद लोग कोरोना संबंधित सावधानियों का पालन कर रहे हैं। डेल्टा वेरिएंट दक्षिण और दक्षिण-पूर्व के देशों से हमारे देश में आया है। इसको फैलने से रोकने के लिए हमें सावधान रहना चाहिए था।
कोविड-19 से ईरान सबसे ज्यादा प्रभावित
ईरान की कुल आबादी करीब 83 लाख है और देश में अबतक कोरोना संक्रमण के कारण 84हजार 627 मौतें दर्ज की गई हैं, जो की मिडिल ईस्ट के देशों में सबसे अधिक हैं। देश के स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी तेहरान समेत 91 अन्य शहरों और कस्बों को हाई रिस्क वाले "रेड" जोन घोषित किया है, विभाग द्वारा ये कदम करीब 30 हफ्तों पहले उठाया गया था। साथ ही देश में आंतरिक यात्रा प्रतिबंध, गैर-जरूरी व्यवसायों को बंद करने और राजधानी में कर्मचारियों की उपस्थिति को 30 फीसदी तक सीमित करने का आदेश जारी किए हैं।
कम वैक्सीनेशन के लिए अमेरिका दोषी!
रूहानी की सरकार ने देश में टीकाकरण अभियान की धीमी रफ्तार के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है। उन्होंने बताया कि, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण विदेशी वैक्सीन को खरीदने और फिर उनकी डिलेवरी में देरी हुई है। देश को कोवैक्स वैश्विक वैक्सीन-साझाकरण कार्यक्रम के तहत सिर्फ एक करोड़ अड़सठ लाख टीकों का छोटा सा हिस्सा मिला है। वहीं, ईरान में कोरोना वायरस टास्कफोर्स के एक प्रवक्ता ने स्टेट टीवी को बताया कि टीकों के सात लाख डोज वितरित कर दी की गई हैं। जिसमें से 2 लाख लोगों को दोनों डोज और 4 लाख लोगों तक एक डोज पहुंचाया गया है। साथ ही देश में सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए दो स्थानीय रूप से विकसित टीकों को अनुमति दी गई है। तेहरान स्पुतनिक V वैक्सीन के उत्पादन में रूस का भी सहयोग कर रहा है।
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