तेहरान | सुन्नी मुस्लिम बहुल पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर अचानक से शनिवार को पड़ोसी शिया देश ईरान के दौरे पर पहुंच गए। जनरल असीम मुनीर ने ईरान के राष्ट्रपति से लेकर शक्तिशाली सेना प्रमुख तक से मुलाकात की। इस यात्रा के बाद पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देश सहयोग को और ज्यादा बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। साथ ही पाकिस्तान और ईरान के बीच बलूचिस्तान सीमा पर सुरक्षा को बेहद पुख्ता किया जाएगा और दोनों के 'साझा खतरे' आतंकवाद से निपटा जाएगा। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने यह अचानक से यूं ही ईरान नहीं पहुंचे हैं। इसके पीछे पाकिस्तानी सेना का बड़ा खतरा और चीन कनेक्शन छिपा हुआ है। आइए समझते हैं
दरअसल, पाकिस्तान के बलूचिस्ताकनि प्रांत में बलूच विद्रोही और टीटीपी आतंकी पाकिस्तानी सेना और चीन के लिए काल बन गए हैं। अभी पिछले दिनों ही टीटीपी ने बलूचिस्तान में एक सैन्य चौकी पर हमला करके पाकिस्तानी सेना के 12 जवानों को मार गिराया था। यही नहीं बलूच विद्रोही भी अक्सर पाकिस्तानी सेना और चीन के इंजीनियरों पर हमले करते रहते हैं। कुछ महीने पहले दासू बांध को बना रहे चीनी कामगारों पर बलूचों ने हमला करके कई इंजीनियरों से भरी पूरी बस को ही उड़ा दिया था।
चीन ने पिछले दिनों ईरान और सऊदी अरब की दोस्ती कराई है। अब ईरान और चीन के बीच 25 साल के लिए बड़ा समझौता हुआ है। चीन अब ईरान में अपने इस बढ़ते हुए प्रभाव का इस्तेमाल बलूच विद्रोहियों को कुलचने में करने जा रहा है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने ईरान की शक्तिशाली सेना आईआरजीसी के चीफ मेजर जनरल हुसैन सलामी से मुलाकात की है। पाकिस्तान और ईरान के बीच बलूचिस्तान में विद्रोहियों को लेकर लंबे समय से तनाव रहा है। ईरान का दावा है कि पाकिस्तान उसके बलूच इलाके में सुन्नी आतंकियों को शरण देता है।
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि बलूच विद्रोही पाकिस्तानी सेना और चीन के नागरिकों को हमले करने के बाद ईरान भाग जाते हैं जहां उन्हें सुरक्षित पनाह मिल जाती है। अब चीन इन दोनों ही देशों के बीच दोस्ती की कड़ी बना है। अब पाकिस्तानी सेना की मानें तो दोनों देशों ने बलूचों और टीटीपी आतंकियों को एक साथ मिलकर कुचलने का फैसला किया है। ईरानी सेना के कमांडर सलामी ने पाकिस्तान को खुश करने वाला बयान दिया और कहा, 'हम पाकिस्तान की सुरक्षा को अपनी सुरक्षा के तौर पर देखते हैं।'
ईरानी सेना के कमांडर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के साथ सुरक्षा, संयुक्त अभियान और आपसी संवाद बढ़ाकर हम सीमा पर आतंकी गुटों का सफाया कर देंगे। पाकिस्तान और चीन के बीच सीपीईसी को लेकर अरबों डॉलर की साझेदारी चल रही है। चीन को डर सता रहा है कि अगर बलूच और टीटीपी के हमले जारी रहे तो उसका यह प्रॉजेक्ट खटाई में पड़ जाएगा। यही वजह है कि वह ईरान और पाकिस्तान के बीच दोस्ती करा रहा है। ईरानी सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि मुस्लिमों को बांटने की कोशिश हो रही है।