ईरान: व्यक्ति ने महिला को गाना गाने से रोका, तो लोगों ने लगाई जमकर फटकार

महिला को गाना गाने से रोका

Update: 2021-09-26 12:09 GMT

Man Harasses Woman For Singing in Iran: महिलाओं पर रोक-टोक से जुड़ी खबरें अब आम हो गई हैं. ईरान से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां के रहने वाले एक व्यक्ति ने एक महिला को केवल इसलिए परेशान किया क्योंकि वह सार्वजनिक स्थान (Singing in Public Plane) पर गाना गा रही थी. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसमें महिला को हाथ में गिटार लिए गाना गाते हुए देखा जा सकता है. जब ये शख्स महिला को गाना गाने से रोकता है तो वहां मौजूद लोग उसकी अच्छे तरीके से क्लास लगाते हैं.

सोशल मीडिया पर ये वीडियो ईरान की पत्रकार मसीहा अलिनेजाद ने शेयर किया है. जिसमें लोगों की भीड़ महिला के बचाव में बोलती दिख रही है. जिसे वहां मौजूद एक पुरुष सार्वजनिक स्थान पर गाना गाने के कारण परेशान कर रहा था (Iran Woman Singing Video). पत्रकार ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, 'मौखिक रूप से ये विवाद ईरान में हुआ है. एक नैतिक पुलिस एजेंट ने गाना गाने पर एक महिला को परेशान किया. उसने कहा कि गाना गाना महिलाओं के लिए पाप है. फिर भी, आम ईरानी महिला की रक्षा के लिए एकजुट हुए और उसे गाना जारी रखने के लिए कहा. तालिबान ने भी गाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.'
महिलाओं के गाना गाने को पाप बताया

वीडियो में हम देख सकते हैं कि एक महिला गली में बैठकर गाना गा रही है, तभी एक शख्स वहां आकर उसे रोकता है. फिर एक अन्य महिला आती है और उस शख्स से पूछती है कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थान पर गाना गाना क्यों माना है? इसपर शख्स जवाब देता है, 'सार्वजनकि स्थान पर गाना गाना महिला के लिए हराम (पाप) है. गाना गाएं, लेकिन पब्लिक के बीच नहीं.' इसके बाद घटनास्थल पर भीड़ इकट्ठा हो जाती है (Singing in Islam). लोग उस शख्स से कहते हैं कि देश में डकैती और गबन सहित कई समस्याएं हैं, उनपर ध्यान दें. फिर लोग महिला से कहने लगते हैं कि वह गाना गाना जारी रखे.
तालिबान ने संगीत पर लगाया है प्रतिबंध
तालिबान ने हाल ही में अफगानिस्तान के कंधार में संगीत और रेडियो एवं टेलीविजन पर महिलाओं की आवाज पर प्रतिबंध लगा दिया है. 15 अगस्त को देश पर कब्जा होने के बाद कई मीडिया कंपनियों ने भी महिला एंकर्स को नौकरी से निकाल दिया (Taliban Bans Music). स्थानीय मीडिया ने बताया कि काबुल में भी बड़ी संख्या में महिलाओं से कहा गया है कि वह काम पर लौट सकती हैं. लेकिन उनके लिए मेहरम की शर्त रखी गई है. यानी वह केवल पुरुष साथी के साथ ही घर से बाहर कदम रख सकती हैं.
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