ईरान : कर्नल हसन सैयद खोदायारी की गोली मार कर हत्या, इजरायल ने 10 साल बाद लिया बदला

ईरानी सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक कर्नल हसन ईरान के ड्रोन कार्यक्रम से बहुत करीबी से जुड़े हुए थे।

Update: 2022-05-24 07:51 GMT

इजरायल ने साल 2012 में नई दिल्‍ली स्थित अपने राजनयिक पर 'ईरानी' हमला का खूनी बदला लिया है। इजरायली मीडिया के मुताबिक ईरान की राजधानी तेहरान में रविवार को मार गिराया गया रिवोल्‍यूशनरी गार्ड का कर्नल हसन सैयद खोदायारी कई देशों में इजरायली राजदूतों पर हमले का मास्‍टरमांइड था। ईरान के विरोधी गुटों से जुड़ी न्‍यूज वेबसाइट ईरान इंटरनैशनल ने भी कर्नल हसन के मारे जाने की पुष्टि की है। माना जा रहा है कि ईरान में घुसकर इस हत्‍याकांड को इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने अंजाम दिया है।

खबरों के मुताबिक कर्नल हसन साल 2012 में नई दिल्‍ली में इजरायली राजनयिक पर हुए कार बम हमले के लिए जिम्‍मेदार था। नई दिल्‍ली के अत्‍यंत सुरक्षा वाले इलाके में हुए इस हमले में इजरायली राजनयिक की पत्‍नी घायल हो गई थीं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कर्नल हसन एक दिन बाद थाइलैंड में हुए सिलसिलेवार हमले के लिए भी जिम्‍मेदार था। ईरान ने इस हत्‍याकांड का बदला लेने का प्रण किया है लेकिन उसने सीधे तौर पर अभी इजरायल को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया है।
इजरायल ने दुनियाभर में अपने दूतावासों को अलर्ट क‍िया
माना जा रहा है कि ईरान के सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले इलाके राजधानी तेहरान में इस हत्‍याकांड को इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने अंजाम दिया है। मोसाद पहले भी कई हत्‍याकांड को ईरान में अंजाम दे चुकी है। इजरायल के चैनल 13 की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नल हसन के हत्‍यारे अभी भी फरार हैं। ईरान अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि यह हमला किसने और कैसे अंजाम दिया है। कर्नल हसन को तेहरान के मोहहेद्दिन-ए-इस्‍लाम सड़क पर मारा गया जहां पर ईरान के कुख्‍यात कुद्स फोर्स के वरिष्‍ठ अधिकारी रहते हैं।
बताया जा रहा है कि कर्नल हसन को उनके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी और मोटरसाइकिल पर सवार होकर वे भाग गए। कर्नल हसन को दो हमलावरों ने 5 गोलियां मारी। अभी तक किसी भी गुट ने इस हत्‍याकांड की जिम्‍मेदारी नहीं ली है। इजरायल ने भी अभी तक आधिकारिक रूप से इस हत्‍याकांड पर कोई बयान नहीं दिया है। खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि इजरायल ने इस हत्‍याकांड को देखते हुए दुनियाभर में अपने दूतावासों को अलर्ट कर दिया है। उसे डर सता रहा है कि ईरान जवाबी हमला कर सकता है।
ईरानी सेना ने हत्‍या को आपराधिक आतंकी कार्रवाई करार दिया
इससे पहले नवंबर 2020 में मोसाद ने इजरायल के परमाणु वैज्ञनिक मोहसेन फखरिजादेह को मार गिराया था। इजरायली अखबार यरुशलम पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नल हसन कुद्स फोर्स के सदस्‍य थे। ईरानी सेना ने इसे आपराधिक आतंकी कार्रवाई करार दिया है। उसने इशारों ही इशारों में इसके लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्‍मेदार ठहराया है। ईरान की नूर न्‍यूज एजेंसी ने इस हत्‍याकांड को लक्ष्‍मण रेखा करार दिया है। उसने कहा कि इससे कई समीकरण बदल गए हैं और जिम्‍मेदार लोगों को भारी कीमत चुकानी होगी। ईरान के सैन्‍य पत्रकार हुसैन दाल‍िरिआन ने हत्‍याकांड के लिए मोसाद के जासूसों पर उंगली उठाई है। ईरानी सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक कर्नल हसन ईरान के ड्रोन कार्यक्रम से बहुत करीबी से जुड़े हुए थे।


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