अमेरिका-जापान युद्धाभ्यास पर अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल कार्ल थॉमस ने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक में नौवहन की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह युद्धाभ्यास हमारी इसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। इस युद्धाभ्यास में दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, दो एम्फीबियस रेडी ग्रुप और जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के जहाज शामिल हुए। हम इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करते रहेंगे। इससे एक स्वतंत्र और खुले इंडो पैसिफिक की सुरक्षा कायम रहेगी। हम भविष्य में भी ऐसे युद्धाभ्यासों को अपने मित्र दोस्तों के साथ आयोजित करते रहेंगे। फिलीपीन सागर ताइवान के पूर्व में प्रशांत महासागर का क्षेत्र है। यह गुआम के पूर्व में और उत्तरी मारियाना द्वीप समूह के बीच में स्थित है।
चीन के कौन-कौन से विमानों ने की घुसपैठ
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रविवार को 39 चीनी लड़ाकू विमानों ने एक साथ ताइवान में घुसपैठ की थी। इसमें 24 J-16 लड़ाकू विमान, 10 J-10 लड़ाकू विमान, दो Y-9 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, दो Y-8 एंटी-सबमरीन वार्निंग एयरक्राफ्ट और एक परमाणु हमला करने में सक्षम H-6 बॉम्बर शामिल थे। जवाब में ताइवान ने रेडियो से चीनी लड़ाकू विमानों को चेतावनी जारी की और अपनी एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का मुंह उनकी तरफ मोड़ दिया। मिसाइल के निशाने पर आते ही चीनी लड़ाकू विमान तेजी से ताइवानी हवाई क्षेत्र को छोड़कर बाहर भाग गए। पिछले साल 4 अक्टूबर को चीन से सबसे बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों को ताइवानी हवाई क्षेत्र में भेजा था। उस समय चीन के कुल 56 विमान ताइवान में घुसे थे।
F-16V या वाइपर F-16 फाइटिंग फाल्कन परिवार के चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। इस मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। एफ-16 वाइपर को फरवरी 2012 में पहली बार लॉन्च किया गया था। इसकी अधिकतम स्पीड 2 मैक है। यह विमान अमेरिका, ताइवान समेत दुनिया के कई देशों की वायु सेना में कार्यरत है। एफ-16 वाइवर लड़ाकू विमान F-35 और F-22 रैप्टर जैसे पांचवी पीढ़ी के विमानों के साथ युद्ध के मैदान में तबाही मचा सकता है। यह लड़ाकू विमान दुश्मनों के एयर डिफेंस को चकमा दे सकता है। इसके अलावा इसे हवा से जमीन और हवा से हवा में लड़ाई जैसे मिशनों पर तैनात किया जा सकता है। इसके अलावा यह लड़ाकू विमान दुश्मन के क्षेत्र में अंदर तक घुसकर हमला करने में भी सक्षम है। इतना ही नहीं, इसे समुद्री मिशनों पर भी तैनात किया जा सकता है। इस विमान के मिशन को जरूरत के हिसाब से कभी भी बदला जा सकता है। इतना ही नहीं यह सभी मौसमों में कठिन से कठिन लक्ष्यों को भी खोज सकता है।
F-16V फाइटर जेट को पहली बार फरवरी 2012 में सिंगापुर एयरशो में पेश किया गया था। मौजूदा एफ-16 विमानों को अपग्रेड कर उन्हें वाइपर श्रेणी में बदला जा सकता है। जिसके बाद इस विमान का नाम एफ-16वी हो जाता है। लॉकहीड मार्टिन को अक्टूबर 2012 में ताइवानी वायु सेना के 145 ब्लॉक 20 F-16A/B विमान को अपग्रेड करने के लिए अमेरिकी सरकार से 1.85 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। अपग्रेड करने के दौरान एफ-16 विमानों में एईएसए रडार (AESA) को लगाया गया। यह रडार एक बार में 20 से अधिक लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। अक्टूबर 2015 में, लॉकहीड मार्टिन ने इंडोनेशियाई वायु सेना के लिए F-16V कॉकपिट को प्रदर्शित किया था। लॉकहीड एफ-16 वाइपर विमान की संभावित बिक्री के लिए इंडोनेशियाई सरकार के साथ बातचीत कर रही है। इंडोनेशियाई वायु सेना ने F-16 ब्लॉक 70/72 विमान के दो स्क्वाड्रन को खरीदने की योजना बना रहा है।
F-16V को ग्लास कॉकपिट, मिशन कंप्यूटर और अत्याधुनिक एवियोनिक्स के साथ अपग्रेड किया गया है। इसमें कलर मल्टी-फ़ंक्शन डिस्प्ले, एक बडा हाई रिज़ॉल्यूशन सेंटर पेडस्टल डिस्प्ले (CPD), हेलमेट-माउंटेड क्यूइंग सिस्टम और हाई वाल्यूम-हाई, हाई-स्पीड डेटा बस भी शामिल हैं। सीपीडी पायलट को वास्तविक स्थिति की सटीक जानकारी प्रदान करता है। एफ-16 वाइपर एक अपग्रेडेड प्रोग्राम करने योग्य डिस्प्ले जनरेटर से भी लैस है। इससे दोस्त और दुश्मन लड़ाकू विमान में तेजी से समझ बढ़ती है। F-16V में सिंगल, हाई परफॉर्मेंस, मॉड्यूलर मिशन कंप्यूटर (MMC) को भी लगाया गया है। यह बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता, एयर-टू-एयर स्ट्राइक परफॉर्मेंस, बेहतर टॉरगेटिंग, कम्यूनिकेशन की क्षमताओं को बढ़ाता है।
एक F-16V को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (AAMs) से लैस किया जा सकता है। इसमें जिसमें AIM-9 साइडविंडर, मैजिक II और ASRAAM शॉर्ट-रेंज एयर टू एयर मिसाइलें शामिल हैं। इसके साथ ही इस विमान में साथ ही AIM-7, स्काई फ्लैश और AIM-120 मीडियम रेंज की एयर टू एयर मिसाइलों को भी फिट किया जा सकता है। इसमें इन्फ्रारेड एयर टू एयर मिसाइलें जैसे एआईएम-9एक्स, पायथन IV, एआईएम-132 ASRAAM, और IRIS-T भी लगाए जा सकते हैं।
यह लड़ाकू विमान विमान AGM-119/AGM-84/AGM-65G एंटी-शिप मिसाइलों और AGM-65 Maverick एयर-टू-ग्राउंड टैक्टिकल मिसाइल के साथ-साथ Paveway लेजर-गाइडेड बम, GBU-15 बम से भी हमला कर सकता है। F-16V का AESA रडार सभी मौसमों में टारगेट को ढूंढने में सक्षम है। यह जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को हाई रिज़ॉल्यूशन में पहचान कर सकता है। इसके अलावा फेज एरी रडार से हवा से हवा और हवा से सतह मोड को एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। ऑनबोर्ड स्नाइपर एडवांस टार्गेटिंग पॉड (एटीपी) एफ-16 वाइपर को हवा से जमीन और हवा से हवा में लक्ष्य पर निशााना साधने में सहायता करता है।
पायलटों की कमी और अपर्याप्त ट्रेनिंग से जूझ रहा ताइवान
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के रिसर्च फेलो कॉलिन कोह ने कहा कि रविवार को चीनी घुसपैठ अमेरिका और जापान के नौसैनिक अभ्यास की प्रतिक्रिया थी। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बीजिंग की व्यापक रणनीति का सोचा-समझा हिस्सा है। इसका उद्देश्य ताइवान की इच्छा और प्रतिरोध की क्षमता को खत्म करना है। कोह ने कहा कि ताइवान के कुछ राजनेताओं और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने लगातार चीनी घुसपैठ के जवाब में अपने देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने का मुद्दा उठाया है। ताइवान लड़ाकू विमानों के पायलटों की कमी और अपर्याप्त प्रशिक्षण से जूझ रहा है। हाल में ही ताइवान का एक एफ-16 लड़ाकू विमान ट्रेनिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त भी हुआ था। जिसके बाद अमेरिका ने ताइवानी सेना की ट्रेनिंग के लिए यूएस स्पेशल फोर्सेज को तैनात किया है।
खतरनाक है चीन का H-6K स्ट्रैटजिक बॉम्बर
चीन का H-6K विमान बेहद खतरनाक है। यह विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। इसमें तेजी से उड़ने वाले ड्रोन से लेकर एंटी शिप मिसाइलों को ले जाने के लिए बनाया गया है। यह विमान क्रूज मिसाइलें भी दागने में सक्षम है। चीन ने इस बमवर्षक विमान का उन्नत संस्करण H-6N को भी विकसित किया है। H-6K सोवियत संघ के Tu-16 बमवर्षक विमान पर आधारित है। चीन ने अब अपने H-6N विमान के लिए हवा से दागे जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें बना रहा है।
चीन ने जे-16 को अपग्रेड कर बनाया गया है जे-16डी विमान
चीनी विशेषज्ञ ने दावा किया कि जे-16डी लड़ाकू विमान अगर इस समय युद्ध के लिए तैयार नहीं है तो आगे आने वाले दिनों में यह हो जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के लिए चीन ने इस लड़ाकू विमान को अपने पुराने जे-16 लड़ाकू विमान को अपग्रेड कर बनाया है। जे-16डी लड़ाकू विमान से चीनी वायु सेना की युद्धक क्षमताओं में काफी इजाफा होने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक यह लड़ाकू विमान पूरी तरह से चीनी वायु सेना में तैनात नहीं हो सका है।