इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने पापुआ आईलैंड को लेकर Elon Musk को दिया ऐसा ऑफर, स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी

इंडोनेशिया (Indonesia) ने टेस्ला कंपनी के चीफ एलन मस्क (Elon Musk) को बड़ा ऑफर दिया है

Update: 2021-03-10 13:21 GMT

जकार्ता: इंडोनेशिया (Indonesia) ने टेस्ला कंपनी के चीफ एलन मस्क (Elon Musk) को बड़ा ऑफर दिया है. हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के मुताबिक देश की सरकार ने मस्क की स्पेसएक्स (SpaceX) की संभावित लॉन्च साइट के लिए पापुआ आईलैंड (Papuan Island) का चुनाव करने की पेशकश की है. हालांकि फैसले से पापुआ के स्थानीय लोग जरा भी खुश नहीं है. उनका कहना है कि ऐसा होने यहां का इकोसिस्टम बिगड़ जाएगा. इसके बाद मजबूरी में उन्हें अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ेगा. वहीं इन लोगों ने खरबपति कारोबारी मस्क को बता दिया है कि वो अपनी जमीन पर उनकी कंपनी का स्वागत करने को तैयार नहीं है.

लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर जोर
राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) ने पिछले साल दिसंबर 2020 में मस्क को पापुआ के बियाक स्थित इस छोटे आईलैंड के उपयोग की पेशकश की थी. वहीं नवंबर, 2020 में रॉयटर्स से बातचीत के दौरान विडोडो ने इंडोनेशिया के लिए अपनी लॉन्ग टर्म प्लानिंग का खुलासा किया था. तब उन्होंने देश के निकिल रिजर्व (Nickel Reserves) को लेकर कहा, 'ये भंडार देश के लिए महत्वपूर्ण है, हम इंडोनेशिया को लिथियम बैटरी का सबसे बड़ा उत्पादक बनाना चाहते हैं.'
वहीं कई रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में ईवीएस के निर्माण के लिए पापुआ सरकार और स्थानीय समुदायों के परामर्श के बाद एक स्पेसपोर्ट विकसित करने पर चर्चा हुई थी.
विरोध की वजह
पापुआ के कुछ लोग राष्ट्रपति के फैसले से नाराज हैं. उनका कहना है कि स्पेसएक्स का लॉन्चपैड बनाने के लिए यहां वनों की कटाई बढ़ेगी. सुरक्षा के लिए इंडोनेशियाई सेना की उपस्थिति बढ़ेगी और इस तरह आईलैंड के भविष्य को खतरा होगा. दरअसल रूस की स्पेस एजेंसी, रोसोस्मोस भी कथित तौर पर यहां आस-पास एक रॉकेट प्रोजेक्ट पर काम करना चाहती है.

मस्क की नई तैयारी

दरअसल साल 2024 तक स्पेसएक्स की लॉन्च साइट का काम पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल मस्क ने इंटरनेट सेवा स्टारलिंक के माध्यम से सस्ता हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करने के लिए साल 2026 तक 12,000 नए सेटेलाइट लॉन्च करने की योजना बनाई है. इसी महीने कुछ दिन पहले स्पेसएक्स का एक रॉकेट लैंडिंग के बाद फट गया, ये कंपनी की लगातार तीसरी नाकामी थी. गौरतलब है कि इंडोनेशिया ने साल 1969 में इस प्रांत पर अपना नियंत्रण हासिल किया था.


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