ओटावा (आईएएनएस)| भारतीय-कनाडाई व्यक्ति को अपनी प्रेमिका की हत्या करने और फिर उसके शव को जलाने का प्रयास करने के आरोप में सात साल की सजा सुनाई गई है। 25 वर्षीय हरजोत देव को 1 अगस्त, 2017 को भावकिरन (किरण) ढेसी को गोली मारकर हत्या करने का दोषी ठहराया गया था। शुरू में उस पर सेकेंड-डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया था।
अगले दिन सरे में 24 एवेन्यू के 18700 ब्लॉक में एक जली हुई एसयूवी में ढेसी के अवशेष पाए गए। पुलिस का कहना है कि देव भावकिरन के साथ रिश्ते में था।
उसे मई 2019 में वैंकूवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया गया था और एक महीने बाद आरोपित किया गया था।
बीसी सुप्रीम कोर्ट के जज जीन वाचुक ने कहा कि देव ने 19 साल की उम्र में गलती से भावकिरन ढेसी के सिर में गोली मार दी, उसके शरीर को अपनी एसयूवी में डाल दिया और वाहन को आग लगा दी।
वॉचक ने कहा कि हत्या के लिए पांच साल की सजा और दो अलग-अलग घटनाओं के रूप में दो साल की सजा है।
नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल देव से गलती से बंदूक चली। स्थानीय मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि एक गोली ढेसी के सिर में लगी और उसकी तुरंत मौत हो गई।
वॉचक ने अपने फैसले में कहा कि 'मामले में सबसे अधिक उत्तेजित करने वाला कारक देव का हथियार को लेकर अत्यंत लापरवाह उपयोग था।'
देव ने अपने मनोचिकित्सक से कहा कि उसने ढेसी की हत्या करने के बाद 911 पर फोन नहीं किया, क्योंकि उसे ड्रग्स रैकेट में भागीदारी और पुलिस का डर था।
उन्होंने एंबुलेंस बुलाने के बजाय अपने एक परिचित को फोन किया।
देव ने कहा, "मैं किरण के परिवार से माफी मांगना चाहता हूं।"
ढेसी का परिवार फैसले से नाखुश है। उन्होंने कहा कि आरोपी को कम से कम 20 साल की सजा होनी चाहिए थी।
ढेसी क्वांटलेन पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी की छात्रा थीं। मृत्यु से छह महीने पहले उसने किडनी ट्रांसप्लांट कराया था।