ब्रिटेन की राजनीति में फिर बजा भारत का डंका, इस भारतवंशी को मिली गृह मंत्रालय की कमान

भारतीय मूल के ऋषि सुनक भले ही ब्रिटेन में पीएम पद की रेस हार गए हों लेकिन वहां की राजनीति में भारतवंशियों का जलवा कायम है.

Update: 2022-09-07 00:51 GMT

भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) भले ही ब्रिटेन में पीएम पद की रेस हार गए हों लेकिन वहां की राजनीति में भारतवंशियों का जलवा कायम है. ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री नियुक्त की गईं लिज ट्रस ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट के शीर्ष पदों पर नियुक्ति की घोषणा कर दी. इसमें देश की गृह मंत्री (UK New Home Minister) का पदभार उन्होंने भारतीय मूल की नेता सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) को सौंपा है. ब्रेवरमैन भी पहले पीएम पद के लिए खड़ी हुई थी लेकिन सांसदों का समर्थन न मिलने पर उन्होंने ऋषि सुनक के बजाय ट्रस (Liz Truss) को अपना समर्थन दिया था.

तमिलनाडु और गोवा से है संबंध

सुएला ब्रेवरमैन (42) गोवा और तमिल विरासत से संबंध रखती हैं. माना जा रहा है कि लिज ट्रस (Liz Truss) की उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए गृह मंत्री पद का इनाम मिला है. वे इस पद पर प्रीति पटेल की जगह लेंगी, जिन्होंने सोमवार को निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. प्रीति पटेल भी भारतवंशी हैं. यानी कि ब्रिटेन में भले ही पीएम बदल गया हो लेकिन देश की राजनीति भारतवंशियों के इर्द-गिर्द ही घूमेगी.

लिज ट्रस (Liz Truss) ने थेरेसी कॉफे को उप प्रधानमंत्री और क्वासी क्वार्टेंग को वित्त मंत्री मनोनीत किया है. वहीं जेम्स क्लेवेरली को विदेश मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. जबकि वेंडी मॉर्टन को ट्रेजरी की संसदीय मंत्री नियुक्त किया गया है. वे अब टोरी पार्टी की पहली मुख्य सचेतक भी बन गई हैं.

दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के फेयरहैम से सांसद

जहां तक सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) की बात है, वे दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के फेयरहैम से कंजरवेटिव पार्टी की सांसद हैं. वे अब तक बोरिस जॉनसन की सरकार में अटार्नी जनरल के रूप में सेवाएं दे रही थीं. वे दो बच्चों की मां हैं. वह तमिलियन मां उमा और गोवा मूल के क्रिस्टी फर्नांडीस की बेटी हैं. उनकी मां मॉरीशस से ब्रिटेन आई थीं, जबकि उनके पिता 1960 के दशक में केन्या से यहां आए थे.

शरणार्थी योजना पर करेंगी काम

बीबीसी की खबर के अनुसार, ब्रेवरमैन (Suella Braverman) को कुछ शरणार्थियों को रवांडा भेजने की सरकारी परियोजनाओं की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इस परियोजना को लेकर ब्रिटेन में कई प्रकार के अंतरविरोध हैं. कई लोग इसे देश में बढ़ रहे शरणार्थी संकट से निपटने का सही तरीका बता रहे हैं. वहीं कई लोग इसे अनैतिक और अमानवीय बताते हुए रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.

पीएम पद की रेस हार गई थीं ब्रेवरमैन

प्रधानमंत्री पद के चुनाव के शुरुआती चरण में उम्मीदवार रहीं ब्रेवरमैन (Suella Braverman) ने अपने माता-पिता के बारे में कहा था, 'वे ब्रिटेन से प्यार करते थे. इसने उन्हें आशा दी. इससे उन्हें सुरक्षा मिली. इस देश ने उन्हें मौका दिया है.' उन्होंने कहा था कि अगर वे देश की पीएम बनीं तो 'ब्रेक्जिट' के अवसरों को भुनाने, देश में लंबित मुद्दों को सुलझाने और करों में कटौती पर काम करेंगीं. वे चुनाव के दूसरे चरण में बाहर हो गई थीं और इसके बाद उन्होंने भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक के बजाय ट्रस को अपना समर्थन दिया था.


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