संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन संघर्ष पर भारत का तटस्थ रुख, कहा- हमेशा लोक केंद्रित रहेगा भारतीय दृष्टिकोण
संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत ने रूस यूक्रेन को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। यूक्रेन संघर्ष को लेकर सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में भारत ने साफ कर दिया कि युद्ध को लेकर देश का दृष्टिकोण मानव-केंद्रित बना रहेगा। भारत हमेशा के खाद्य, ईंधन और उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि से प्रभावित देशों का समर्थन करता रहा है।
जन-केंद्रित है भारत का दृष्टिकोण
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर रवींद्र ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के लिए भारत का दृष्टिकोण जन-केंद्रित बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता पहुंचा रहा है। साथ ही भारत आर्थिक संकट का सामना कर रहे अपने पड़ोसी देशों को भी मदद पहुंचा रहा है। रवींद्र ने कहा कि भारत को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवीय सहायता के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देना जारी रखेगा। भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता की खेप भेजी है। यह मानवीय सहायता भारत सरकार के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप थी। आपको बता दें, रूस ने इस साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू किया था। जिसके चलते बड़े पैमाने पर मानवीय संकट की स्थिति पैदा हुई।
जयशंकर ने युद्ध का शीघ्र समाधान निकालने पर दिया जोर
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि कोविड-19, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य बने हैं। बावजूद इसके भारत दुनिया भर में मजबूत व्यापारिक भावना को प्रदर्शित कर रहा है। जयशंकर ने 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि, हम उन लोगों के पक्ष में हैं, जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भले ही वे भोजन, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। इस दौरान जयशंकर ने युद्ध के शीघ्र समाधान निकालने पर भी जोर दिया था। भारत ने रूस और यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से लगातार अपना रुख साफ रखा है। जिसमें कहा गया है कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान में टिकी हुई है।