चीनी ड्रैगन को घर में 'चुनौती' देगी भारतीय नौसेना, हार्पून मिसाइल बेचने पर अमेरिका ने लगाई मुहर
भागीदारों के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध करता है।
अमेरिका ने हार्पून ज्वाइंट कॉमन टेस्ट सेट (जेसीटीएस) और उससे जुड़े उपकरणों को भारत को 82 मिलियन अमेरिकी डॉलर (6 अरब से अधिक) की अनुमानित लागत पर बेचने की मंजूरी दे दी है। इस सैदे से द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पेंटागन की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने सोमवार को अमेरिकी कांग्रेस को इस संभावित बिक्री के बारे में सूचित करते हुए आवश्यक प्रमाणीकरण दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने के लिए भारत की क्षमता में सुधार करेगी। अमेरिकी रक्षा प्रमुख के अनुसार, हार्पून मिसाइल दुनिया की सबसे सफल जहाज-रोधी मिसाइल है और 30 से अधिक देशों के सशस्त्र बलों के साथ सेवा में है।
भारत सरकार ने हार्पून ज्वाइंट कॉमन टेस्ट सेट (जेसीटीएस) खरीदने का अनुरोध किया है। इसमें एक हार्पून इंटरमीडिएट स्तर का रखरखाव स्टेशन भी शामिल है। जून 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में मान्यता दी, जो अमेरिका को भारत के साथ अपने निकटतम सहयोगियों और भागीदारों के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध करता है।