भारतीय पर्वतारोही ने बनाया वर्ल्ड रेकॉर्ड, सिर्फ चार दिनों में दो बार की दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की चढ़ाई
नेपाल ने 408 विदेशियों को माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने की अनुमति दी थी.
नेपाल (Nepal) के 43 वर्षीय पर्वत गाइड मिंगमा तेन्जी शेरपा ने एक मौसम में सबसे कम समय में दो बार माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर चढ़ाई कर विश्व रिकॉर्ड (World Record) बनाया है. यह जानकारी गुरुवार को आयोजकों ने दी. पूर्वी नेपाल के शंखुवासभा जिले का निवासी शेरपा पहली बार सात मई की शाम को एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचा और फिर 11 मई की सुबह दूसरी बार दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर पहुंच गया.
पर्वतारोहण का आयोजन करने वाले 'सेवन समिट ट्रेक्स' के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने यह जानकारी दी. मिंगमा ने बताया कि वह महज चार दिनों के अंदर एवरेस्ट के शिखर पर दो बार पहुंचा जो एक विश्व रिकॉर्ड है. इससे पहले भारतीय पर्वतारोही अंशु जामसेनपा ने 2017 में 118 घंटे 15 मिनट के अंदर दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रिकॉर्ड बनाया था.
एवरेस्ट पर सीमा खींचने की तैयारी में चीन
बहरहाल, किसी महिला पर्वतारोही का यह रिकॉर्ड अब भी उनके नाम है. दूसरी ओर बीते दिनों खबर आई कि चीन दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर सीमा रेखा खींचेगा ताकि नेपाल से आने वाले पर्वतरोहियों को अपने इलाके में आने से रोका जा सके. चीन के सरकारी मीडिया ने इस कदम के लिए कोरोना वायरस महामारी को वजह बताया है.
इस कार्य के लिए तिब्बती पर्वतारोहियों का समूह बनाया जाएगा. सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि चीन की ओर से पर्वतरोहियों के चोटी पर पहुंचने से पहले रेखा बनाई जाएगी. हालांकि, आभी यह स्पष्ट नहीं है कि चीन द्वारा यह विभाजन रेखा किस चीज से बनाई जाएगी. उत्तर में चीन की ओर से चोटी की चढ़ाई करने वाले पर्वतरोहियों को इस विभाजन रेखा को पार करने से रोका जाएगा ताकि वे दक्षिण की ओर से चढ़ाई करने वाले किसी व्यक्ति या वस्तु या नेपाली के संपर्क में नहीं आएं.
पिछले साल लगा दी थी रोक
नेपाल सरकार या पर्वतारोहण अधिकारियों ने इस विभाजन रेखा को लेकर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते नेपाल और चीन ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर रोक लगा दी थी लेकिन इस साल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नेपाल ने 408 विदेशियों को माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने की अनुमति दी थी.