भारतीय आयुर्वेदिक डॉक्टरों को मिला UAE का प्रतिष्ठित गोल्डन वीजा, आयुर्वेद को महत्व देने के लिए कहा- 'धन्यवाद'
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो भारतीय आयुर्वेदिक डॉक्टरों को यूएई का प्रतिष्ठित गोल्डन वीजा दिया गया है।
दुबई, एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो भारतीय आयुर्वेदिक डॉक्टरों को यूएई का प्रतिष्ठित गोल्डन वीजा दिया गया है। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशिप (आईसीए) ने केरल के डॉ श्याम विश्वनाथन पिल्लई और डॉ जसना जमाल को गोल्डन वीजा दिया है।
अबू धाबी में बुर्जील डे सर्जरी सेंटर में वैद्यशाला के सीईओ पिल्लई को 17 जून को चिकित्सा पेशेवरों और डॉक्टरों की श्रेणी के तहत गोल्डन वीजा दिया गया था। पिल्लई ने वीजा के लिए यूएई का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "आयुर्वेद और आयुर्वेद चिकित्सकों को इस तरह के समर्थन के लिए यूएई के शासकों और नीति निर्माताओं के प्रति मेरी हार्दिक धन्यवाद। साथ ही उन्होंने कहा, मैं वास्तव में संयुक्त अरब अमीरात के निवासियों की भलाई के लिए आयुर्वेद को एकीकृत करने और साथ ही आयुर्वेद अभ्यास की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत उपायों को ध्यान में रखते हुए उनकी नजरिए की सराहना करता हूं।" केरल के कोल्लम के रहने वाले पिल्लई 2001 में दुबई आए थे।
पिल्लई ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि, आयुर्वेद में एमडी पूरा करने के बाद, 2001 में केम्पिंस्की होटल्स में एक मंच मिला। ताकि आयुर्वेद चिकित्सा को उनके स्पा में स्वास्थ्य के लिए एकीकृत किया जा सके। हालांकि, मुझे बाद में एहसास हुआ कि आयुर्वेद संयुक्त अरब अमीरात में चिकित्सा की एक मान्यता प्राप्त प्रणाली नहीं थी, हालांकि इसकी बहुत मांग थी।पिल्लई ने कहा, "आयुर्वेद को 2002 में वैकल्पिक दवा उपचार के रूप में मान्यता मिली। आयुर्वेद को ये मान्यता स्वास्थ्य मंत्रालय ने पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग के तहत दी गई थी।
वहीं, दुबई के अल ममजार की रहने वाली डॉक्टर जसना जमाल को 24 जून को गोल्डन वीजा दिया गया था। उन्होंने कहा कि, ऊपर वाले की कृपा से मुझे गोल्डन वीजा से सम्मानित किया गया है। यह बहुत खुशी की बात है, मैं इस शानदार अवसर के लिए यूएई के नेताओं को तहे दिल से धन्यवाद देती हूं। जसना केरल के त्रिशूर की रहने वाली हैं। दुबई में एक आर्किटेक्ट से शादी करने के तुरंत बाद वो 12 साल पहले यूएई चली गई थीं। वो आयुर्वेदिक प्रथाओं को महत्व देने के लिए अधिकारियों की आभारी हैं।