तिब्बत में पाकिस्तान और चीन की सेनाओं के युद्धाभ्यास से भारतीय सेना सतर्क

Pakistan and China in Tibet

Update: 2021-06-11 13:27 GMT

भारत (India) के दो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन की वायुसेनाएं इन दिनों तिब्बत (Tibet) में संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं. इसने भारत की चिंताओं को बढ़ा दिया है क्योंकि लद्दाख से लगा हुए यह क्षेत्र पहले से ही विवादों से घिरा हुआ है. चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) के साथ भारत के रिश्ते अक्सर तनावपूर्ण ही रहते हैं. ऐसे में भारत इस युद्धाभ्यास पर कड़ी नजर बनाए हुए है.

चीन और पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमान इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. वो हवा से हवा, जमीन और पानी में मार करने और अपने टारगेट को भेदने का अभ्यास कर रहे हैं. भारत ने जमीन और आसमान में अपनी सेनाओं को अलर्ट कर दिया है और हर वक्त सीमा पर कड़ा पहरा दिया जा रहा है.
भारत को उकसाने के लिए चुना इलाका
तिब्बत में हो रहा ये युद्धाभ्यास कई मायनों में बेहद अहम है क्योंकि इसमें पाकिस्तान हिस्सा ले रहा है. अक्सर कोई भी देश दूसरे देश के साथ विवादित क्षेत्र में युद्धाभ्यास नहीं करता लेकिन चीन की दोस्ती तले पाकिस्तान इस इलाके में भारतीय सीमा से कुछ दूर अपने लड़ाकू विमान उड़ा रहा है. दोनों देशों द्वारा युद्धाभ्यास के लिए इस क्षेत्र को चुनना कई सवाल खड़े करता है.
तिब्बत पर चीन ने धोखे से कब्जा किया हुआ है और ये भारत की सीमा से लगा हुआ है. एक साल से ये इलाका भारत और चीन की सेनाओं के बीच विवाद का बड़ा कारण बना रहा. माना जा रहा है कि भारत को उकसाने के लिए चीन ने युद्धाभ्यास के लिए इस इलाके को चुना है. वहीं पाकिस्तान चीन का सहारा लेकर भारत को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास कर रहा है.
पाकिस्तान-चीन की दोस्ती एक मजबूरी
चीन से दोस्ती पाकिस्तान की मजबूरी है क्योंकि वो अकेले भारत का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है. यही मजबूरी चीन की भी है इसलिए वो भारत के सामने पाकिस्तानी सेना का सहारा ले रहा है. पाकिस्तान चीन की दोस्ती के बदले उसे पीओके में युद्धाभ्यास के लिए आमंत्रित कर चुका है. इस इलाके में बीते साल लंबे समय तक भारतीय सेना के सामने भयंकर ठंड में तैनात रहने के कारण चीनी सेना बीमार पड़ गई थी.
अब यहां गर्मियां शुरू हो गई हैं लिहाजा सेना को प्रोत्साहित करने के लिए इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है. बता दें कि ये युद्धाभ्यास 22 मई को शुरू हुआ था और जून के आखिरी हफ्ते तक चलेगा. लड़ाकू विमानों के अलावा इसमें चीनी ड्रोन और विदेशी मिसाइलें भी हिस्सा ले रही हैं. पाकिस्तान और चीन ने इससे पहले 2019 में संयुक्त युद्धाभ्यास किया था.
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